जयपुर के सबसे बड़े सरकारी मान सिंह अस्पताल के आईसीयू में देर रात रविवार को अचानक से आग लगने की , यह घटना उस समय हुई जब स्वास्थ्य सचिव अस्पताल के दौरे पर थे , आग लगते ही अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया और आईसीयू धुआंधार हो गया , आग ने 8 जिंदगियां लील लीं | सभी मरीजों का दम उनके परिजनों के सामने ही घुएं से घुट गया | जबकि अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी का कहना है कि आग से मरीजों की जान नहीं गई | बल्कि शिफ्टिंग के दौरान उन्होंने दम तोड़ा | वहीं , म्रतकों के परिजनों का आरोप है कि आग स्टोरेज एरिया में शॉर्ट सर्किट से लगी थी | चिंगारी उठते ही नर्सिंग स्टाफ को सूचना दी गई , लेकिन कुछ देर तक किसी ने गंभीरता से नहीं लिया | जब धुआं तेजी से आईसीयू में भरने लगा , तब पूरा स्टाफ भाग गया | उस वक्त आईसीयू में 10 से ज्यादा मरीज थे |
फिलहाल राज्य सरकार ने 6 सदस्यीय जांच कमेटी बना दी है | प्राथमिक जांच में पता चला है कि स्टोर रूम में लगे स्मोक डिटेक्टर एनआर सही से काम नहीं किया | इस वजह से अलार्म सिस्टम सही सामी पर एक्टिवेट नहीं हुआ |
जेवीवीएनएल के रितरयर्ड चीफ इंजीनियर एके खंडेलवाल ने बताया कि अधिकतर जगहों पर लूज वायरिंग से ही आग लगती है | लूज वायरिंग से स्पार्क होता है उसके बाद डबल्यूएच तार को जलाता है , इसके बाद पीवीसी ने अगर आग पकड़ ली तो तेजी से फैलती है | एसएमएस हॉस्पिटल जैसी बड़ी बिल्डिंगों में स्मोक लगे हुए नहीं हैं | नहीं ही फायर स्प्रिंकलर सिस्टम लगा होगा | जबकि बड़ी बिल्डिंगों में यह जरूरी है | फाय स्प्रिंकलर सिस्टम पाइप का एक नेटवर्क होता है , जो इमारतों में आग लगने की स्थिति में स्वचालित रूप से पानी या फ़ोम छोड़ता है | यह सिस्टम आग से निकालने वाली गर्मी का पता लगने पर प्रभावित क्षेत्र के पास लगे स्प्रिंकलर को ट्रिगर करता है , जिससे पानी व फ़ोम शुरू हो जाता है और आग फैलाने से रोकी जा सकती है |
आईसीयू में बनाए गए स्टोर को समान से भरा हुआ था | इसी में नर्सिंग स्टाफ बैठता था , स्टोर में ऊपर इलेक्ट्रिक वायर , फॉल सीलिंग और नीचे कॉटन जैसे ज्वलनशील पदार्थ रखे थे |
आईसीयू में पुरानी तकनीक का फायर फाइटिंग सिस्टम है | ऑटोमेटिक फायर स्प्रिंकलर सिस्टम के बजाए मेनुअल सिस्टम था स्टाफ और सुरक्षा गार्ड को इसे चलाना नही आता था |
परिजनों ने बताया कि स्मोक अलार्म काफी देरी से बाजा , ऐसे में स्टोर में लगी आग का पता नहीं चला | स्टोर रम में आग बढ़ी और धुआं आईसीयू रूम तक फैल गया , तब तक स्टाफ और परजनों को आग लगने का पता ही नहीं चला |
ट्रोमा सेंटर की छत पर भी निर्माण कार्य चल रहा है तोड़फोड़ के चलते नीचे ओटी तक में पानी का रिसाव होने लगा | सीलन से महीनेभर से ओटी की दीवारों एवं बिजली बोर्डों मे भी करंट फैल चुका था |