ग्वालियर में फर्जी पुलिस का मकसद हाईवे पर नकली चेकिंग कर वाहनों से वसूली करना और बेरोजगार युवाओं को नौकरी का झांसा देकर ठगना था | बड़ी साजिश को अंजाम देने से पहले ही पुलिस ने दबिश देकर गैंग को दबोच लिया |
पुलिस के नाम पर बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है | खाकी वर्दी में नकली पुलिस पकड़ी गई | कैम ब्रांच ने सागर से आए चार युवकों को खुद को पुलिसकर्मी बताकर नकली टीम तैयार करते पकड़ा , टीआई से लेकर आरक्षक और ड्राइवर तक की भर्ती हो गई थी | खबर है कि गैंग में कई महिलाएं भी शामिल हैं |
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने कुबूल किया कि वे रात में हाईवे पर नकली चेकिंग लगाकर वाहनों से पैसों की वसूली करने तैयारी कर रहे थे | अपार्टमेंट में बैठकर टीम बन चुकी थी , लेकिन पुलीस की पैनी नजर से वे बच नहीं पाए |
सीएसपी नगेंद्र सिंह सिकरवार ने कहा कि पुलिस ने अभी तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है | कई और आरोपी इस अपराध में लिप्त हैं |
फर्जी पुलिस टीम तैयार होने की सूचना पर सीएसपी नगेंद्र सिंह , टीआई धर्मेंद्र सिंह कुशवाहा , घरमेनद्र शर्मा और शुभाम परिवार सहित क्राइम ब्रांच टीम ने बुधवार को मेट्रोन टॉवर स्थित अपार्टमेंट पर दबिश दी | यहां से मास्टरमाइंड शुभम टीआई की वर्दी में मिला | पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर लिया
सागर निवासी शिवम चतुर्वेदी गैंग का सरगना है शिवम पर सागर के कई थानों में चोरी , धोखाधड़ी के कई अपराध दर्ज हैं | उसकी पत्नी भी अपराध में शामिल है | उसने ही फर्जी पुलिस टीम बनाने की साजिश रची | शिवम खुद को टीआई बताकर वर्दी पहनता था | उसके साथ पावन यादव और नीरज यादव को आरक्षक और रवींद्र यादव को ड्राइवर की भूमिका सौंपी गई थी | गैंग ने एक स्कॉर्पियों गाड़ी भी खरीद ली थी | गाड़ी में लालबत्ती और सायरन भी लगवाया था |
दो माह पहले सागर से चारों युवक आए थे | शहर में अलग – अलग इलाकों में घूमते थे | बेरोजगार युवकों को पुलिस ने नौकरी लगवाने का झांसा देते थे | जाल में फंसाने वाले लोगों से पैसे वसूलते थे | पुलिस में भर्ती कराने के नाम पर 20 से ज्यादा लोगों से वसूली कर चुके थे | करीब 25 लाख से ज्यादा रुपए वसूल भी चुके थे | इन्हीं पैसों से फर्जी वर्दी , जूते , वर्दी पर लगे स्टार और गाड़ी खरीदी थी | रहना और खाना खर्च भी चल रहा था |