इंदौर : 18/12/2024 : पीथमपुर में रामकी प्लांट में नौ साल पहले भोपाल का यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाया गया था जिस कारण वहाँ के रहवासी आज तक परेशान हैं जहां कचरा जला था वहाँ की 50 बीघा जमीन पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है | किसानों का दर्द सुनने वाला कोई नहीं है | सरकार और प्रशासन उन्हें सिर्फ झूठे दिलासे दे रही है नौ सालों से वहां खेती करने वाले किसान अब मेहनत मज़दूरी कर परिवार पाल रहे हैं | जिस जमीन पर पहले गेहूं, चना, सोयाबीन की फसल लहलहाती थी अब वहां घास उग रही है जहां पहले 40 बोरी सोयाबीन होती थी वहां अब बमुश्किल ढाई बोरी उपज हो रही है | कई किसानों ने परेशान होकर कई सालों से खेती ही बंद कर दी उनके बच्चे दूसरी फैक्ट्रियों में नौकरी करने पर मजबूर हैं | प्लांट के खराब पानी से धीरे-धीरे भूजल खराब होता गया और किसानों की जमीन बंजर हो गई | रामकी कंपनी वाले रात में इंसीनरेटर चलाते हैं जिसका धुआँ इतना जहरीला होता है कि सांस लेने में तकलीफ होती है दमा, त्वचा रोग बढ़ रहे हैं | रामकी के प्लांट से आ रहे लाल पानी से 100 से अधिक किसान सीधे तौर पर व करीब 7 हज़ार अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हैं, और 300 एकड़ के लगभग खेती पर बहुत बुरा असर पड़ा है सोयाबीन चौपट हो गई है गेहूं घटिया क्वालिटी का होता है | कंपनी वाले दूषित पानी नहर में छोड़ रहे हैं, कुएं का पानी पहले पीते थे लेकिन अब नहाने के लायक भी नहीं बचा यही पानी ग्राम चीराखान और धन्नड़ में भी फसल खराब कर चुका है | वहां पर लोग इस पानी से चाय बनाते हैं तो चाय फट जाती है | धरावरा की गंभीर नदी में भी यही पानी जा रहा है | किसान कई बार एसडीएम ऑफिस में शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती | किसान फैक्ट्री के गेट पर विरोध करने जाते हैं तो पुलिस खदेड़ने लगती है लोगों पर केस कर दिए जाते हैं | लोगों का कहना है कि सरकार और प्रशासन ने झूठे दिलासे दिए न कोई मुआवजा मिला और न ही दूसरा रोजगार दिया गया तीन साल से किसान न्याय की गुहार लगा रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है |
Home / न्यूज़ / नौ साल पहले हुए यूनियन कार्बाइड के कचरे के निस्तारण से बंजर हुई जमीन पर खेती न होने से 7 हज़ार किसान प्रभावित |
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