सागर जिले के राजकुमार सिंह की याचिका से जुड़ा मामला है , जिसमें आरोप लगाया गया है कि राजपूत ने 2023 के विधानसभा चुनाव में नामांकन के दौरान करोड़ों की संपत्ति का खुलासा नहीं किया |
हाईकोर्ट ने कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के चुनावी हलफनामे में संपत्ति छुपाने के आरोपों की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया | कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की कि सरकार चुनाव आयोग को जरूरी जानकारी मुहैया नहीं कर रही | इससे साफ दिखता है कि वह मंत्री को बचाने में लगी है |
याचिककर्ता ने चुनाव आयोग को इस संबंध में दस्तावेज सौंपे थे , लेकिन आयोग को राज्य सरकार से मांगी गई ज़मीनों की जानकारी देकर जांच रोक दी |
इसी मामले की गुरुवार को चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की बेंच ने सुनवाई की | अदालत के सामने यह तथ्य आया कि निर्वाचन आयोग ने आरोपों को जांच योग्य माना था , सरकार से संबंधित ज़मीनों के रिकॉर्ड मांगे थे | लेकिन राज्य सरकार ने कहा था कि यह चुनाव आयोग का मामला है | मामले की जांच तब से लंबित है , अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी |