भोपाल ( कशिश मालवीय ) छिंदवाड़ा जिले में हराई तहसील के बटका खापा गांव से मानव तस्वीर का हैरान वाला मामला सामने आया है | यहां अधिक मजदूरी का झांसा देकर 30 से ज्यादा आदिवासी मजदूरों को महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश भेजा जा रहा था | जिसमें बच्चे तक शामिल थे , इनमें 9 नाबालिग ( 3 बच्चियाँ , 6 लड़के ) , 23 महिलाएं और 5 पुरुष शामिल थे | एजेंट राजेश इवनाती ने सभी को मिनी ट्रक में यह कहकर बैठाया कि पास के गांव में काम है , लेकिन ट्रक सीधे महाराष्ट्र ले जया गया |
रास्ते में शक होने पर मजदूरों ने विरोध किया , तो मोबाइल छीन लिए गए | लेकिन एक बच्चे ने छिपकर आदिवासियों के लिए काम करने वाले रामनाथ उइके को कॉल किया | सतारा में ट्रक रोका गया और नागपुर पुलिस ने सभी को सीताबर्डी थाने लाकर छुड़ाया | जबकि एफआईआर दर्ज हुई , लेकिन आरोपी राजेश नावचा और शंकर नावचा को छोड़ा गया |
छिंदवाड़ा के श्रम अधिकारी शिवकुमार मेहरा ने मजदूरों को सकुशल गांव पहुंचाया | रामनाथ उइके ने बताया कि एक साल में 83 बच्चों को बंधुआ मजदूरी से छुड़ाया गया है | उन्होंने पुनर्वास योजना का लाभ दिलाने और जिला सतर्कता समिति सक्रिय करने की मांग की है |