खंडवा में बीते दिन मूर्ति विसर्जन में हादसे को लेकर ग्रामीणों ने प्रशासन के प्रति जबरजस्त गुस्सा हैं और इसको बढ़ाने का काम प्रशासन ने उस वक्त कर डाला जब घटना स्थल पर मुख्यमंत्री के पहुंचने कि खबर लगते ही उसने वर्षों से जर्जर हालत में पड़ी सड़क को बनवाने काम शुरू करवा दिया | जिससे ग्रामीण और आगबबूला हो गए , उनका कहना था क्या सिर्फ मुख्यमंत्री को ही पक्की सड़क पर चलने का अधिकार है ?
मूर्ति विसर्जन ट्रैक्टर चालक ने पुलिया से मोड़ नहीं देख ट्रॉली को बेकवाटर में दौड़ाने लगा , जिसमें वह गहरे पानी में समा गई | ट्रॉली में बैठे 24 महिला – पुरुष और बच्चे तैरकर बच गए , लेकिन अर्दला डेम के बेकवाटर में पाडल फाटा ग्राम के 11 बालक – बालिकाओं की मौत हो गई | इस हादसे ने उनके परिवारों और पूरे गांव को शोक में डूबा दिया | अंतिम संस्कार के समय श्मशान घाट तक का रास्ता घुटनों तक कीचड़ से भरा था | परिजन बच्चों की अर्थियां कंधों पर लेकर मुश्किल से श्मशान पहुंचें | माता – पिता का कलेजा फटा हुआ था , आंखों में आंसू और घरों में रुदन लगातार जारी था |
प्रशासन ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आगमन के लिए दो घंटे में सड़क बनाई , जिससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए | उन्होंने रोड बनाने , का विरोध किया और पुलिस से हल्की – फुल्की झड़प भी हुई | एसपी मनोज कुमार राय , डीएसपी और अन्य अधिकारियों ने मौके पर आकर स्थिति को नियंत्रण में लाया | घटना में गांव में गहरी शोक लहर दौड़ा दी है | माता – पिता और परिजन बच्चों की याद में रातभर रोते रहे | प्रशासन और पुलिस के प्रयासों के बावजूद सड़क और हेलीपेड के लिए की गई जल्दबाजी पर ग्रामीण नाराज रहे | पूरे गांव में मातम और आक्रोश का माहौल है |