भोपाल ( कशिश मालवीय ) अस्पताल के नाम पर ऊंची दुकान फीका पकवान बन चुका एम्स आज ये हालात पैदा हो गए है कि जहां इलाज के लिए हजारों मरीज दूर दारब से पहुंच रहे है , वहां उनके लिए कुछ बुनियादी टेस्ट ब्लड की जांच आई एफ टी , लिपिड प्रोफाइल जैसी जाँचें भी एम्स में नहीं हो पा रही हैं |
ब्लड सैंपल कलेक्ट करने के लिए मरीजों के परिजनों को खुद लंबी – लंबी लाइन लगानी पड़ रही है | टोकन सिस्टम भी खत्म कर दिया गया है , इससे यहाँ धक्कामुक्की जैसा माहौल बन गया है |
हैरत की बात यह है कि इस स्थिति को देखते हुए एम्स के डॉक्टर्स बाहर से जांच कराने के लिए कह रहे हैं | लेकिन बाहर से जो जाँचे कराई हैं , उन्हें सत्यापिक नहीं कर रहें | एम्स ने अपने नोटिस बोर्ड में लिखवा रखा है कि किसी भी सरकारी स्वास्थ्य योजना के लाभर्थी डॉक्टर द्वारा लिखी गई सभी दवाइयां और जांचे एम्स भोपाल में उमलब्ध अम्रत फार्मेसी या जन औषधि केंद्र से खरिदें | एम्स की ही प्रयोगशालाओं में जांच कराएं , लेकिन हालात ऐसे हैं कि एलएफटी , आरएफटी लिपिड प्रोफाइल जैसी जांचें पिछले एक हफ्ते से अटकी हुई हैं | बिलिरूबिन जांच में पीलिया और लिवर की बीमारियों का पता चलता है , कार्यक्षमता जानने के लिए जरूरी है |
एम्स की पैथोलॉजी लैब रिएजेंट खत्म हो चुके हैं | यही कारण है कि ब्लड टेस्ट मशीनें खाली पड़ी हैं , डॉक्टर मजबूरी में मरीजों को इधर – उधर भटकने के लिए छोड़ रहे हैं | एम्स का दावा है कि रिएजेंट सप्लाई आने वाली है |
अनुबंध खत्म होने के बाद हिन्द लैब अपना टोकन सिस्टम निकालकर ले गए | हमने अपना टोकन सिस्टम मंगवाया है , एक माह में यह चालू हो जाएगा | बलद सैंपल के लिए अनुबंध किया जा रहा है एक सप्ताह में सभी जांचें एम्स में शुरू हो जाएंगी |