भोपाल : 20/12/2024 : मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटे के तहत दाखिलों में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है | एमबीबीएस की जो सीटें सबसे काबिल छात्रों को मिलनी चाहिए थीं उसे सबसे पैसे वालों के लिए आरक्षित किया जा रहा है | चिकित्सा शिक्षा सांचलनालय की नीट यूजी काउंसलिंग 2024 के रिज़र्वेशन चार्ट के मुताबिक इसी साल प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई उम्मीदवारों के लिए 381 सीटें 15% आरक्षित हैं | सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद दूसरी और तीसरी राउंड की काउंसलिंग में एनआरआई स्पॉन्सर्ड कोटे से 332 छात्रों को प्रवेश दिए गए | यानी ऐसे छात्रों को प्रवेश दिए गए जिनके दूर के रिश्तेदार एनआरआई हैं | एनआरआई के प्रवेश को लेकर 2007 में राज्य सरकार ने एक्ट बनाया कि ऐसे व्यक्ति जो भारत का निवासी नहीं है या फिर माता-पिता या दादा-दादी अभिभाज्य भारत यानी पाकिस्तान बांग्लादेश आदि के निवासी हैं महज उन्हें ही एनआरआई कोटे का लाभ मिल सकता है | 9 मार्च 2018 को प्रवेश नियमों में बदलाव कर एनआरआई की परिभाशा बदल दी गई इसके तहत अनिवासी भारतीय के फर्स्ट डिग्री ब्लड रिश्तेदार या उन पर आश्रितों को भी प्रवेश की सहूलियत दे दी गई | इसकी प्रामाणिकता महज शपथपत्र के आधार पर तय की गई | इससे रिश्तेदारों की नकली वंशावली और दस्तावेज़ों के आधार पर प्रवेश मिलना शुरू हो गया | इस पर आपत्ति हुई तो गुपचुप तरीके से इसमें बदलाव कर दूर के रिशतेदारों के एनआरआई कोटे पर प्रतिबंध लगा दिया गया |
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