चंबल : 02/01/2025 : ‘एमपी डकैती और व्यपहरण प्रभावित क्षेत्र अधिनियम’ ( एमपीडीपीके ) 7 अक्टूबर 1981 को उन क्षेत्रों में लागू किया गया था जहां 70-80 के दशक में डकैती, लूट व फिरौती के लिए अपहरण होते थे | लेकिन अब मप्र में डकैतों का खौफ खत्म हुए 15 साल बीत चुके हैं | चंबल के बीहड़ को अब पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर दिया गया है | यहां फिल्मों की शूटिंग की जा रही है | बावजूद इसके यहां अब डकैती का नामों निशान तक नहीं है बावजूद इसके पुलिस ने रिकॉर्ड में 1 साल में करीब 106 डकैत खड़े कर दिए हैं | पुलिस अब मोबाइल झपटने, अपहरण और बलवा जैसी घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों को भी डकैत मानकर केस दर्ज कर रही है | जबकि इस कानून को डकैतों पर नियंत्रण के लिए बनाया गया था, लेकिन इसका पुलिस गलत फायदा उठा रही है | जिन दो स्टूडेंट ने वीसी को अटैक आने पर जज की कार लेकर उन्हे अस्पताल पहुंचाया उन्हें भी पुलिस ने डकैत मान लिया | जमीन को लेकर विवाद में कोर्ट परिसर में दोनों भाइयों की आपस में मारपीट होने पर भी डकैत का केस लगाया | रेत खनन के अवैध ट्रैक्टर थाने ले जाते समय ट्रैक्टर मालिकों ने लाठी-डंडों से हमला कर ट्रैक्टर छुड़ा लिए उन पर भी डकैती का केस ठोका | यहां तक कि चेन लुटेरों, बाइक चोरों को भी डकैती का आरोपी बनाकर केस दर्ज किया गया |