भोपाल : 03/02/2025 : परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा का मामला उलझता ही जा रहा है | कई दिनों फरार रहने के बाद जैसे तैसे सौरभ लोकायुक्त की गिरफ्त में तो आ गया, लेकिन 50 से अधिक बेनामी संपत्तियों के बारे में वह गोलमोल जवाब दे रहा है | चेतन व शरद ने पूछताछ में सभी संपत्ति सौरभ के होने की बात कही वहीं सौरभ का कहना है कि ये संपत्तियां मेरी नहीं हैं | 50 से अधिक बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज़ मिलने के बाद खुलासा हुआ कि अधिकतर संपत्तियां उसके सहयोगी व रिश्तेदारों के नाम पर थीं, लेकिन उनकी मूल रजिस्ट्रियां सौरभ के पास थीं | कई संपत्तियों की पावर ऑफ अटार्नी भी किसी और के नाम कराई गई थी | लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ से इन संपत्तियों को लेकर पूछताछ की लेकिन उसने कोई सहयोग नहीं दिया उसकी रिमांड अवधि 4 फरवरी को खत्म हो जाएगी उसके बाद लोकायुक्त फिर रिमांड की मांग कर सकती है | जांच में सहयोग न करने पर 30 से अधिक लोगों को नोटिस भेजा है | जिस कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रु. नकदी बरामद हुई थी वह कार चेतन के नाम पर है लेकिन डाउन पेमेंट सौरभ ने चेक से दिया था | हर महीने की किस्त चेतन के बैंक खाते से कटती थी | इधर सौरभ का कहना है कि कार चेतन की थी इसका उससे कोई संबंध नहीं है | कार ड्राइवर प्यारे अभी तक पुलिस गिरफ्त से बाहर है | चेतन ने बताया कि प्यारे ही कार चलाता था, लेकिन छापे के बाद से ही वह फरार है जांच एजेंसियां उसकी तलाश में जुटी हैं |
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