/ जबलपुर : 05/02/2025 : मप्र उच्च न्यायालय ने जबलपुर कलेक्टर को हलफनामे पर यह बताने को कहा है कि मुख्यमंत्री के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम के लिए मंगाई गईं बसों के डीजल बिलों की प्रतिपूर्ती जिला प्रशासन द्वारा कैसे की जा सकती है | हाई कोर्ट ने यह सवाल भी किया है कि याचिकाकर्ता (ईंधन पंप मालिक) ने बिना अनुमति के डीजल कैसे भरा और किस प्रावधान के तहत नगर-निगम आयुक्त को मुख्यमंत्री की रैली के लिए मंगाई गई बसों में डीजल भरवाने का अधिकार दिया गया | कोर्ट ने कहा कि अगर 10 दिनों के भीतर हलफनामा दाखिल नहीं किया गया तो वह जांच का आदेश जारी करेगा क्योंकि यह सार्वजनिक धन की बड़े पैमाने पर लूट का मामला प्रतीत होता है | साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकार्ता को अब अपनी याचिका वापस लेने का अधिकार नहीं होगा | याचिकाकर्ता सुगम चंद जैन का कहना है कि उन्हें 3 जनवरी 2014 को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के लिए मंगाई गई बसों में आपूर्ति किए गए डीजल का भुगतान नहीं किया गया है | जैन ने बताया कि बिल के भुगतान के लिए संयुक्त कलेक्टर और जिला आपूर्ति अधिकारी ने 12 अगस्त 2024 को नगर निगम आयुक्त से संपर्क किया था | जब अदालत ने जैन से कहा कि वह कलेक्टर या उनके किसी अधीनस्थ द्वारा जारी कोई ऐसा दस्तावेज़ दिखाएं, जिससे पता चले कि इन बसों को उनके ईंधन पंप से डीजल लेने की अनुमति है या इनमें डीजल भरने का आदेश दिया गया है, तो उन्होने कहा कि उनके पास ऐसा कोई प्रमाण नहीं है | इसके बाद जस्टिस विवेक अग्रवाल ने कुछ खास सवाल पूछे उन्होने कहा कि जैन बिना अनुमति के बसों में डीजल कैसे भर सकते हैं ? संयुक्त कलेक्टर ने किस अधिकार के तहत नगर आयुक्त से बिल की प्रतिपूर्ती करने को कहा और किस अधिकार के तहत नगर आयुक्त ने बसों में डीजल भरने के लिए कहा ? कानून के किस प्रावधान के तहत नगर-निगम आयुक्त को मुख्यमंत्री की रैली के लिए मंगाई गई बसों में डीजल भरवाने का दायित्व है ? न्यायमूर्ति अग्रवाल ने जबलपुर कलेक्टर को हलफनामे में इन सभी पहलुओं को स्पष्ट करने का आदेश दिया और अगली सुनवाई 10 फरवरी को निर्धारित की |