भोपाल ( कशिश मालवीय ) मध्यप्रदेश में तेजी से फैल रही टीबी जैसे लक्षणों वाला घातक रोग मेलियोइडोसिस बीमारी ओडिशा , कर्नाटक , तमिलनाडु जैसे तटीय क्षेत्रों में पाई जाती रही है | लेकिन , अब यह मप्र में तेजी से फ़ेल रही है | विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थानीय बीमारी का रूप ले चुकी है | पदेश में धान का रकबा बढ़ने और पानी के स्त्रोत ज्यादा होने से संक्रामण बढ़ रहा है यह रोग इतना घातक है कि पहले पकड़ में ही नहीं आता | पहचान होते फीसदी मरीजों की जान तक चली जाती है | बीमारी को लेकर एम्स भोपाल की रिपोर्ट में कहा गया है कि टीबी जैसे लक्षणों वाला यह बैक्टीरिया जनित रोग इतना घातक है कि समय पर इलाज न मिलने पर हर 10 में से आधे मरीजों की जान चली जाती है | पिछले छह साल में मप्र के 20 जिलों के करीब 120 से अधिक मरीज एम्स भोपाल में भर्ती हुए थे |
डॉक्टरों का कहना है कि मेलियोइडोसिस बीमारी ने 70 प्रतिशत ऐसे लोगों को घेरा है जो डायबिटिक थे | इसके अलावा धान के खेतों में काम करने वाले , शराब का ज्यादा सेवन करने वाले , और कमजोर रोज प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग इस रोग से अधिक प्रभावित हो रहे है |
बीमारी के शुरुआती लक्षण यह है , सेप्सिस ( पूरे शरीर में संक्रामण ) : तेज बुखार , संस लेने में दिक्कत , पेट व मांसपेशियों में दर्द , जोड़ों में सूजन | त्वचा संक्रामण : अल्सर या घाव | फेफड़ों का संक्रामण: खांसी , सिने में दर्द , बुखार सिरदर्द , भूख कम लगना |
बीमारी से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखें दूषित पानी और मिट्टी के सीधे से संपर्क बचें | घाव या खरोंच आने पर खेतों / कीचड़ में काम न करें | हमेशा साफ पानी पिएं और अपने आसपास स्वच्छता बनाएं रखें | लक्षण दिखते ही डॉक्टर्स से संपर्क करें |