भोपाल ( कशिश मालवीय )मप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्व सहायता समूहों से प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाना था , लेकिन विभागीय अमले ने खुद आत्मनिर्भर बनने की योजना तैयार कर ली | पहला बड़ा फर्जीवाड़ा कम्जुनिटी इन्वेस्टमेंट फंड ( सीआईएफ ) और रिवॉलिवंग फंड ( आरएफ ) को लेकर हुआ | अध्यक्ष और सचिव के साइन किए चेक के जरिए रकम निकाल गई | महिलाओं का आरोप है – उनसे ब्लैंक चेक पर हस्ताक्षर करवाए , लेकिन रकम उन्हें नहीं मिली | चेक लेने वाले अफसर इस बारे में कुछ भी बताने से इंकार कर रहे हैं|
दूसरा बड़ा फर्जीवाड़ा बीमा योजना को लेकर हुआ | बीमा के लिए ग्रुप की हर सदस्य से 300 – 300 रूपए लिए गए थे | न कोई बीमा हुआ और न ही इसके दस्तावेज मिले | करीब 2 करोड़ की गड़बड़ी का पता चला है | इस संबंध में जो शिकायत हुई है उसमें कहा गया है कि प्रदेश में करीब 60 लाख महिलाएं इन ग्रुप से जुड़ी हैं | लिहाजा यह रकम 100 करोड़ या इससे ज्यादा हो सकती है |
राजगढ़ अनपढ़ अध्यक्ष , 19 लाख का गबन जिले की गागोरनी पंचायत में लक्ष्मणपुर के श्रीराम समूह की अध्यक्ष मंगूबाई अनपढ़ हैं | उनका दावा है – अफसर ब्लैंक चेक पर साइन कराकर ले गए और 19 लाख का गबन कर लिया | बैंकों की पासबुक भी अफसरों के पास ही है | अफसरों से हिसाब पूछा तो अध्यक्ष को पद से ही हटा दिया | महात्मा गांधी समूह की सचिव कनीजा बी के मुताबिक उनके समूह में 10 महिला सदस्य हैं | पोर्टल पर जानकारी खंगाली गई तो समूह में 5 नाम ऐसे मिले जिन्हें कोई जनता ही नहीं | इन्हें जोड़ा किसने , पता नहीं | समूह की बैठक तक नहीं होती |
फंड के लिए पुराने समूह तोड़कर नए बना रहे जीरपुर क्लस्टर लेवल फेडरेशन ( सीएलएफ ) अध्यक्ष रजनी योगी ने बताया कि जिन पुराने समूहों को कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड ( सीआईएफ ) मिल चुका है , अफसर उन्हें तोड़कर ने समूह बना रहे हैं | ताकि नए समूह के नाम फिर से फंड लिया जा सके | यहां ब्लाक प्रभारी , डीपीएम व जिले के अन्य अफसर महिलाओं के जरिए खुलकर समूहों की राशि का गबन कर रहे हैं | 60 लाख की एफडी बनी थी | जो कि निकली जा चुकी है |