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स्वच्छ भारत मिशन में 13.21 करोड़ रुपये केभ्रष्टाचार के विरुद्ध निर्णायक संघर्ष की घोषणा  


 

 

स्वच्छ भारत मिशन में 13.21 करोड़ रुपये के महाघोटाले पर मीडिया विभाग अध्यक्ष मुकेश नायक ने उठाई सख्त कार्रवाई की मांग – प्रदेशभर में 21,000 करोड़ से अधिक के घोटाले की आशंका:मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेश सचिव मनोज आर्या

 आज मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के अध्यक्ष श्री मुकेश नायक जी की अध्यक्षता में पूर्व प्रदेश सचिव श्री मनोज आर्या और प्रदेश प्रवक्ता डॉ. विक्रम चौधरी ने स्वच्छ भारत मिशन योजना के महा घोटाले को उजागर किया

 देश की प्रतिष्ठित योजना स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)जिसे प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में प्रचारित किया गयाअब भ्रष्टाचार के दलदल में बुरी तरह फंसती नजर आ रही है। बैतूल जिले के जनपद पंचायत चिचोली और भीमपुर में सामने आया 13.21 करोड़ रुपये का घोटाला केवल एक झलक है। इस गंभीर आर्थिक अपराध पर मीडिया विभाग के अध्यक्ष श्री मुकेश नायक ने सख्त कार्रवाई की मांग की है और इसे “भाजपा नेताओंशासन और प्रशासन की मिलीभगत से हुआ सुनियोजित षड्यंत्र” बताया है।

 घोटाले का स्वरूप: एक संगठित आर्थिक अपराध

 श्री आर्य ने बताया कि वर्ष 2021 से 2025 के बीच जनपद पंचायत चिचोली और भीमपुर में सीईओ के डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (DSC) का दुरुपयोग कर करोड़ों की राशि का फर्जी भुगतान किया गया। तीन जिला पंचायत सीईओ और आठ जनपद सीईओ की भूमिका संदिग्ध है।

 श्री टी. हरिओम पटेल व अन्य नागरिकों द्वारा थाना चिचोली में एफआईआर दर्ज कराने हेतु आवेदन दिया गया है और एक ज्ञापन जिला कलेक्टर बैतूल के नाम भी सौंपा गया हैजिसमें दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई है।

 अन्य घोटाले: योजनाओं की खुली लूट

 श्री आर्य ने अन्य गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का भी खुलासा कियाजिनमें शामिल हैं:

 अमृत सरोवर योजना में 7.53 करोड़ रुपये का गबन

 आंगनबाड़ी मरम्मत कार्य में 32.90 लाख रुपये का भ्रष्टाचार

 भू-स्वामित्व और सरकारी जमीनों में करोड़ों का अवैध हस्तांतरण

 इन सभी मामलों में उन्होंने सीबीआई या उच्च न्यायिक जांच की मांग की है।

 प्रदेश स्तरीय घोटाले की आशंका:

 श्री आर्य ने कहा कि यह सिर्फ एक जिला नहींबल्कि पूरे मध्यप्रदेश में फैला हुआ व्यापक घोटाला है।

 स्वच्छ भारत मिशन की राशि का कुल अनुमानित घोटाला 21,000 करोड़ रुपये से अधिक है।

 मिशन का वार्षिक बजट 7,194 करोड़ रुपये हैलेकिन 2021 से 2025 तक कोई नियमित ऑडिट नहीं हुआ।

 बिना उपयोगिता प्रमाण पत्र (UC) के फर्जी भुगतान किए गए हैंजो कि वित्तीय नियमों का खुला उल्लंघन है।

 जिन अधिकारियों के DSC से भुगतान हुआउन्हें संरक्षण दिया जा रहा है और “छोटी मछलियों को फंसा कर बड़ी मछलियों को बचाने” का खेल चल रहा है।

 भाजपा नेताओं की संलिप्तता:

 इस घोटाले में दो भाजपा नेताओं के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई हैजिससे यह सिद्ध होता है कि यह घोटाला केवल प्रशासनिक नहीं बल्कि राजनीतिक संरक्षण के तहत हुआ है।

 जनआंदोलन की चेतावनी:

 श्री आर्य ने आगे कहा:

  यह घोटाला सिर्फ सरकारी धन की चोरीनहीं बल्कि जन विश्वास की हत्या है यदि दोषियों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदेश व्यापी जन आंदोलन किया जाएगा हर गांव हर पंचायत तक सच्चाई को पहुंचाएंगे

उन्होंने यह भी कहा कि यह मध्यप्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला बन सकता हैजिसकी जवाब देही से कोई भी नेता या अधिकारी नहीं बच सकेगा

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