भोपाल ( कशिश मालवीय )मध्यप्रदेश में अब तक पुराने रीतिरिवाज के चलते नाबालिगों के हस्ते खेलते बचपन को बलिदान कर उनका विवाह करा दिया जाता है | सरकार व प्रशासन के दावों के बाद भी बाल विवाह और बाल सगाई जारी है | इस रीतिरिवाज ने वधुओं के ही बचपन का बलिदान नहीं , बल्कि उनकी आने वाली पीढ़ियों को भी कुपोषित व बीमारियों कि दलदल में डाला है | मामला सामने आया है कि नाबालिग माताएं दे रही बच्चों को जन्म मार्च से अगस्त 2025 के बीच राजगढ़ जिला अस्पताल में करीब 75 नाबालिग वधुएं प्रसव के लिए पहुंची | इनमें से 52 नाबालिग माताओं ( 70.6% ) ने 53 कुपोषित बच्चों को जन्म दिया | इन कुपोषित बच्चों में से भी 18% यानी 10 बच्चों की जन्म के 30 दिन के भीतर ही मौत हो गई | इनमें से 1 किलो से कम वजन वाले सभी नवजात ने जन्म के कुछ दिनों बाद दम तोड़ दिया |
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट मे अनुसार , राजगढ़ जिला अस्पताल में हर महीने औसतन 14 नवजात जन्म के 28 दिन के अंदर मर जाते हैं | सिर्फ अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच 37 नवजात मौतें दर्ज की गईं | ये आंकड़े बताते हैं कि बाल विवाह और कुपोषण की यह कड़ी अब भी टूट नहीं पाई है |
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