भोपाल ( सैफुद्दीन सैफी)
राजधानी भोपाल मे प्रशासन का दोहरा रवैया देखने को मिल रहा है, एक तरफ विभिन्न थाना क्षेत्रों मे होटल रेस्तरा और
अन्य दुकानों को बंद करवाने के लिए थानो की पुलिस 10 बजे से सिटी बजाने लगती है। वही दूसरी और राजधानी से सटे
इलाको मे स्थित ढाबे और रेस्तरा देर रात तक न केवल खुले रहते है बल्कि इनमे अवैध रूप से शराब भी परोसी जाती है
और इस काम मे क्षेत्र की पुलिस और आबकारी अमले दोनों की मिलीभगत रहती है॰
भोपाल में आबकारी के आठ सर्किल हें जिनके अलग अलग प्रभारी भी है, वही राजधानी से सटे हुए इलाको मे रात पुलिस पेट्रोलिंग भी होती है, इसके बावजूद ढाबो में शराब परोसने की खबरे मीडिया के लोगो तक तो पुहंच जाती है। मगर पुलिस
और आबकारी अमले को इसकी भनक न हो ये समझ से परे लगता है।
दरअसल हकीकत ये है कि पुलिस का पेट्रोलिंग स्टाफ आए दिन इन रेस्तरा और ढाबो पर लजीज खानो का मजा लेता है
वही आबकारी दस्ते कि भी एक माहवारी बंदी हुई है, इसके चलते ढाबो वालों की रात को खूब चाँदी कट रही है।