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राजधानी के निजी अस्पतालों में बेखौफ हो रही गर्भपात की सौदेबाजी, मुंह मांगी रकम लेकर आठ माह तक का सुरक्षित गर्भपात कराने की गारंटी ले रहे डॉक्टर |


भोपाल : 02/09/2024 : शहर के सीमाई इलाकों के कई निजी अस्पतालों में चल रहे गर्भपात के कारोबार को बेखौफ अंजाम देते हैं डॉक्टर जबकि गर्भपात करना या कराना दोनों ही अपराध की श्रेणी में आते हैं, बावजूद इसके भानपुर स्थित आयुष्मान अस्पताल और विदिशा रोड स्थित पूनम हॉस्पिटल सहित जिले के 10 निजी अस्पतालों में चल रहा गर्भपात का ये कारोबार | इन अस्पतालों का स्टाफ मुंह मांगी रकम लेकर आठ माह तक के सुरक्षित गर्भपात की गारंटी लेता है | इस गर्भपात के लिए किसी भी तरह की कागजी कार्यवाही नहीं की जाती और लोगों से 20 से 25 हज़ार रु. लेकर मासूमों की दुनिया में आने से पहले ही हत्या कर दी जाती है | इन अस्पतालों में 24 माह तक का गर्भपात कराया जा रहा है | यह हाल तब है जब गर्भपात के लिए कड़े कानून बने हैं | लेकिन इन नियमों का पालन कराने वाले जिम्मेदार ही बेखबर बैठे हुए हैं और निजी अस्पताल इसका फायदा उठा रहे हैं | किसी भी अस्पताल में गर्भपात न हो इसके लिए सीएमएचओ की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी गठित है, जो सुरक्षित गर्भपात के लिए हर महीने बैठक कर 24 सप्ताह तक के गर्भ के समाधान के लिए विशेष परिस्थितियों में नियमानुसार अनुमति देती है | लेकिन निजी अस्पताल तो आठ माह तक का गर्भपात बिना अनुमति करवा रहे हैं | गौरतलब है कि 24 माह से कम के गर्भपात की भी अनुमति किसी को नहीं है, इसके बाद भी निजी अस्पताल चुपचाप गर्भपात कराकर अपनी जेबों को भर रहे हैं | अवैध गर्भपात के कारोबार के संबंध में सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी का कहना है कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी का रूल आने के बाद से ही भोपाल में जिला स्तरीय कमेटी गठित है, जो कि हर महीने बैठक करके आवेदनों को अनुमति दे रही है | निजी अस्पतालों को गर्भपात के मामलों की हर महीने सीएमएचओ ऑफिस में जानकारी भेजनी होती है | उन्हें हर केस में अनुमति लेने की जरूरत नहीं है, लेकिन 24 सप्ताह से अधिक अवधि के गर्भ का समापन करने के लिए डीएलसी से अनुमति लेना जरूरी है | यदि कोई गुपचुप तरीके से गर्भपात कर रहा है तो यह गलत है ऐसा करने वाले अस्पतालों को बंद कराया जाएगा | ऐसे मामलों में तो गुप्त शिकायत मिलने के बाद भी जांच कराकर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है और स्वास्थ्य विभाग की टीम समय-समय पर अस्पताल में जाकर औचक निरीक्षण भी करती है | उसके बाद भी अगर अस्पतालों में गर्भपात का अवैध कारोबार चल रहा है तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी |

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