भोपाल : 18/12/2024 : हर मंगलवार को कलेक्टोरेट में आम जनता की समस्या सुनकर उसका निराकरण करने वाले कलेक्टर मनमाने तरीके से कलेक्टोरेट में आते और जाते हैं | जिन अफसरों को सुबह 11 बजे जनसुनवाई में पहुँचना होता है वे 40-45 मिनट बाद भी सभागार में नहीं पहुँचते हैं | वहीं फरियादी सुबह दस बजे से ही कलेक्टोरेट के बाहर बैठे अफसरों की राह तकते रहते हैं धीरे-धीरे कलेक्टोरेट में जनसुनवाई सभागार के बाहर फरियादियों की भीड़ उमड़ने लगती है | लेकिन अफसरों की लेटलतीफी इतनी अधिक बढ़ गई है कि वह 11:35 बजे तक भी सभागार में नहीं पहुँचते हैं | अधिकतर अफसर तो 12 बजे के बाद ही जनसुनवाई में पहुँचते हैं, 11 बजे शुरू हुई जनसुनवाई में समस्या लेकर पहुंचे फरियादियों को बाबू स्तर के लोग आवेदन लेकर चलता कर देते हैं | 10 दिसंबर की जनसुनवाई में कलेक्टर कौश्लेन्द्र विक्रम सिंह 12 बजे के बाद भी नहीं पहुंचे थे | वहीं एक डिप्टी कलेक्टर 11:10 बजे जनसुनवाई वाले सभागार में तो पहुंचे, लेकिन 10 मिनट बाद ही वे भी जनसुनवाई छोड़कर अपने कैबिन में जाकर बैठ गए | इससे साफ हो जाता है कि उच्च स्तर के अफसरों को आम जनता की शिकायतें सुनने में कोई खास रुचि नहीं है | यही कारण है कि फरियाद लेकर आने वाले लोग अपनी समस्या के उचित निराकरण के लिए बार-बार जनसुनवाई में इस उम्मीद के साथ आते हैं कि किसी मंगलवार को तो बड़े अफसर उनकी समस्या को सुनेंगे लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगती है |
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