भोपाल : 19/12/2024 : विधानसभा में बुधवार को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट रखी गई, इसके मुताबिक प्रदेश के 10 मेडिकल कॉलेज में आईसीयू में भर्ती करीब 40 हज़ार मरीजों में श्वास और ह्रदय रोगी शामिल थे | इनमें से 3 हज़ार मरीजों की समय पर दवा न मिलने के कारण मौत हो गई | इन 5 सालों में मप्र में 45 हज़ार करोड़ हेल्थ पर खर्च के बावजूद सांस, ह्रदय की बीमारियों के इलाज के लिए 16 महत्वपूर्ण दवाओं में से 11 दवाएं मरीजों को नहीं मिलीं | इसी तरह कार्डियोवैस्कुलर समस्याओं के उपचार के लिए 26 महत्वपूर्ण दवाएं नहीं थीं | कैग ने आपत्ति जताई कि दवाओं की यह कमी गंभीर चिंता का विषय है, अति महत्वपूर्ण ईडीएल 448 दवाओं का स्टॉक नहीं पाया गया | वहीं हमीदिया अस्पताल भोपाल, जेएएच ग्वालियर और सिम्स छिंदवाड़ा में तो 1.11 करोड़ की 263 दवाएं एक्सपायर हो गईं | 14 स्वास्थ्य संस्थाओं में सीएमएचओ स्टोर में 1 करोड़ 20 लाख रु. कीमत की 201 मशीनें खराब मिलीं, यह उपकरण 9 महीने से 8 माह की अवधि में किसी भी वार्ड या स्वास्थ्य संस्थान को जारी नहीं किए गए | कैग ने जिन 5 सालों की जांच की है उनमें कोरोना का दौर भी शामिल है |
Home / न्यूज़ / करोड़ों रुपया खर्च करने के बावजूद मरीजों को नहीं मिलती आवश्यक दवाएं, दवाओं के अभाव में 3 हज़ार मरीजों की मौत
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