भोपाल : 22/01/2025 : भोपाल रियासत की संपत्ति पर से हाई कोर्ट का स्टे हटने के बाद इसे शत्रु संपत्ति मानकर सरकार इसका अधिग्रहण कर सकती है, हालांकि इस पर केंद्र सरकार के दो आदेशों के कारण उलझन है | दरअसल, भोपाल स्टेट के नवाब की प्रॉपर्टी का हकदार नवाब हमीदुल्लाह खान की बड़ी औलाद को माना गया है अब चाहे वो बेटा हो या बेटी | इस हिसाब से हमीदुल्लाह खान की बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान को वारिस मानते हुए उन्हें भोपाल का नवाब माना था, इसके मुताबिक नवाब का टाइटल आबिदा के बेटे व पाकिस्तान के पूर्व विदेश सचिव शहरयर खान की बड़ी संतान के पास जाएगा | शत्रु संपत्ति कार्यालय (मुंबई) के 24 फरवरी 2015 के प्रमाण पत्र में भी आबिदा को ही नवाब का वारिस माना गया, लेकिन आबिदा सुल्तान 1960 से पहले ही पाकिस्तान की नागरिक बन चुकी थीं ऐसे में भोपाल नवाब की 1960 की स्थिति में जो भी संपत्तियां थीं, वे शत्रु संपत्ति के दायरे में आ जाएंगी और इन पर केंद्र सरकार का हक होगा | वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार ने उनकी छोटी बेटी साजिदा सुल्तान को उत्तराधिकारी घोषित किया था, क्योंकि उनकी बड़ी बेटी आबिदा पाकिस्तान की नागरिक बन चुकी थीं, साजिदा सुल्तान के बाद उनके पुत्र मंसूर अली खान पटौदी और फिर सैफ अली खान भोपाल नवाब बने | इस नए विवाद से भोपाल की कई ऐतिहासिक सम्पत्तियों की स्थिति असमंजस में आ गई है | इधर, नूर-उस-सबाह मैनेजमेंट का कहना है कि राजस्व विभाग ने शत्रु संपत्ति की सूची में नूर-उस-सबाह की सम्पत्तियों को शत्रु संपत्ति से बाहर घोषित किया गया था | जिन परिवारों ने ये संपत्तियां खरीदी हैं उनकी संख्या लगभग 1 लाख से अधिक है | इससे 5 लाख से अधिक लोग प्रभावित होंगे | शत्रु संपत्ति कार्यालय के पत्र के अनुसार इस संपत्ति को खरीदा बेचा नहीं जा सकता रजिस्ट्री पर भी रोक है | भोपाल कलेक्टर पूरे मामले में अब मुख्य भूमिका में है, वे चाहें तो प्रॉपर्टी को शत्रु संपत्ति से मुक्त कर खरीदी बिक्री के लिए आदेश दे सकते हैं | हालांकि अंतिम निर्णय शत्रु संपत्ति कार्यालय ही लेगा | भोपाल कलेक्टर इस संपत्ति के कस्टोडियन हैं, सरकार चाहे तो इन सम्पत्तियों को कब्जे में लेकर यहां रह रहे लोगों को हटा सकती है |