इंदौर : 28/01/2025 : दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा से जुड़े 100 से अधिक मामलों की रिसर्च करने पर सामने आया कि 50 फीसदी महिलाएं दहेज प्रताड़ना कानून का दुरुपयोग कर रही हैं | महिलाओं को इंसाफ दिलाने और उन्हें ससुराल वालों के जुल्म ज्यादती से बचाने के लिए बनाया गया कानून अब झूठे आरोपों के लिए उपयोग किया जाने लगा है इससे जो पीड़ित महिलाएं हैं उनको जल्दी इंसाफ मिलने में देरी हो रही है | कई महिलाएं ऐसे मामलों में पति के परिजनों, ससुर, जेठ, नंदोई, देवर आदि पर रेप और छेड़छाड़ का झूठा आरोप लगाकर बेगुनाहों को फंसाती हैं | दहेज प्रताड़ना के झूठे केस रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अर्नेश कुमार विरुद्ध बिहार केस में गाइड लाइन जारी की है | जिससे बिना पुख्ता जांच व सबूतों के गिरफ्तारी नहीं होती है और थाने से ही जमानत मिल जाती है | इसी कारण झूठे आरोप लगाकर कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है | सुप्रीम कोर्ट सहित कई हाई कोर्ट दहेज प्रताड़ना के झूठे मामलों में सख्त टिप्पणी कर चुके हैं, ऐसे मामलों को लीगल टेररिज़्म तक लिखा गया है | अदालतें कह चुकी हैं, दहेज प्रताड़ना कानून का दुरुपयोग शादी की बुनियाद हिला रहा है | हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों को चेतावनी दी है कि वे पति के दूर के रिश्तेदारों को बिना ठोस सबूत के इन मामलों में न घसीटें | कुछ महिलाएं अपने दिवंगत हुए ससुर को आरोपी बनाती हैं तो कुछ पिता समान बुजुर्ग ससुर पर छेड़छाड़ का झूठा आरोप थोपती हैं | कई महिलाएं ससुराल वालों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना के झूठे आरोप लगाते समय ये भूल जाती हैं कि विदेश में रहने वाली जो ननद शादी के बाद कभी भारत ही नहीं आई उस पर मारपीट का केस कैसे लगाए | कई महिलाएं देवर पर रेप का केस थोपती हैं, लेकिन जांच के बाद आरोप झूठा साबित होने पर महिलाओं की इज्जत की धज्जियां उड़ जाती हैं | वो सम्मान के काबिल नहीं रहतीं झूठा आरोप उसके जीवनभर का कमाया सम्मान खत्म कर देता है |