भोपाल : 18/02/2025 : घटना 14 फरवरी की है शिकायतकर्ता योगेश साहू ने सीबीआई को बताया कि अगस्त 2024 में उन्होने साफ सफाई का ठेका लिया था | उन्होने सितंबर 2024 में ही 9 लाख 32 हज़ार 296 रु. का बिल जमा कर दिया था | लेकिन हेल्थ इंस्पेक्टर हरिमोहन मीणा बिल में लगातार कमियां निकालकर उसे पास करने के लिए रोक रहा था | मीणा ने बिल पास करने के लिए एक लाख रु. की रिश्वत मांगी थी, जो बाद में 75 हज़ार रु. पर तय हुई | रिश्वत की राशि रेलवे स्टेशन के सामने स्थित एक मंदिर के बाहर लेने का प्लान बना | हरिमोहन मीणा ने रिश्वत लेने के लिए निजी कर्मचारी देव राव पवार को रखा था | जैसे ही देव ने रिश्वत ली, सीबीआई ने योजनाबद्ध तरीके से कार्यवाही करते हुए उसे और हेल्थ इंस्पेक्टर को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया | सीबीआई ने 15 फरवरी को दोनों को कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगी थी, कोर्ट ने दोनों को 17 तक रिमांड पर सौंपा, रिमांड पूरी होने के बाद दोनों आरोपियों को सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया यहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है |