भोपाल ( कशिश मालवीय) शराबियों के हौसले इतने बुलंद कि पुलिस प्रशासन भी उनके सामने असहाए नजर आता है पूरे प्रदेश में शराब पिलाने वाले अहाते बंद हो गए , लेकिन अब राजधानी की सड़कों पर ओपन बार जैसा माहौल है | शाम ढलते ही शराब दुकानों के आसपास यह नजारा आम हो गया है | दुकानों के 100 मीटर तक के दायरे में केवल शराबी ही नजर आते हैं | सड़कों पर छलकते जाम , दीवारों पर रखी शराब की बोतलें और आसपास पैग बनाते शराबी देखे जा सकते हैं | शाम को इन रास्तों के आसपास खड़ा होना तो दूर , निकलना भी मुश्किल हो जाता है | बची हुई कसर दुकनों से पूरी हो जाती है |
कोई आए जाए ये नशेड़ी लोग जमे रहते हैं | कुछ समय पहले पुलिस अधिकारी ने सख्ती कि तो थोड़ी – बहुत कार्यवाही हुई | लेकिन फिर वही हाल हो गया | आम लोगों का शाम को इन सड़कों से निकलना मुश्किल है | खासतौर पीआर महिलाओ का लेकिन पुलिस को ये नहीं दिखता | कोहिफिजा थाने के पास ओवरब्रिज के नीचे बनी शराब पॉलिक्निक चौराहे से पहले प्रोफेसर कॉलोनी की गली के बाहर भी यही हाल है |
ये रोज का नजारा , पर पुलिस को नजर नहीं आता
इंद्रपुरी बीच सड़क पर शराबियों के हटने का इंतज़ार करती रहती हे एंबुलेंस
इंद्रापुरी शराब दुकान के आसपास रात 8:45 बजे बस स्टॉप पर शराबी बैठे थे और यात्री मजबुरी में सड़कों पर बस का इंतज़ार कर रहे थे | स्थानीय निवासी संतोष ने बताया , यह रोज का नजारा है | एक एंबुलेंस बीच सड़क पर खड़े शराबियों के हटने का इंतजार करती रही | थोड़ी देर बाद एफ आरवी आई , लेकिन शराबी नहीं हटे यही हाल बेरसिया रोड स्थित निशातपुरा थाने के अंतर्गत हाउसिंग बोर्ड चौराहे पीआर स्थित शराब की दुकान के बाहर भी सुबह 9 बजे से लेकर रात 11 बजे तक पियक्कड़ो का जमघट लगा रहता है मगर लगता है इन शराबियों और शराब दुकानदारो पर कोई सख्त कार्यवाही करने का होसला भोपाल पुलिस मे अब नही बचा है।