भोपाल ( कशिश मालवीय ) नगरनिगम में लगता है , इन दिनों आरज्क्ता के साथ अंधेरगर्दी मची हुई है | हर हफ्ते कोई न कोई गुठला या गड़बड़ी सामने आती है | जिम्मेदारों से सवाल पुछो तो रटा रटाया जवाब मिलता है | जांच करेंगे दोषी को छोड़ेंगे नहीं मगर कार्यवाही के नाम पर कुछ नहीं होता है | ताजा मामला 89 दिवसीय और विनियमित) कर्मचारियों को लेकर सामने आया है | जिन पर सैलरी के नाम पर हर महीने 13 करोड़ 85 लाख रुपए खर्च होते हैं | लेकिन इनमें से करीब 25% कर्मचारी रोज ड्यूटी से गायब रहते हैं | इनमें तीन तरह के कर्मचारी हैं | पहले वो जो न तो निगम जाते हैं न फील्ड में | यानी , जनता से जुड़ा कोई काम नहीं कर रहे हैं | इस कारण कई वार्डो में पूरी तरह सफाई नहीं हो पा रही तो दफ्तरों में लोगों के काम में देरी हो रही है | दूसरे गायब कर्मचारी वे हैं , जो रिटायर अधिकारियों नेताओं , पार्षदों के घरों पर काम कर रहे हैं | लेकिन सैलरी बकायदा निगम के खाते से जा रही है | गायब कर्मचारियों की तीसरी कैटेगरी है जो पार्षदों ,एमआई सदस्यों और अधिकारियों के रिश्तेदार हैं जो कभी ड्यूटी पर नहीं आते | लोगजंग ने निगमकर्मियों का डाटाबेस जुटाया | जोन 17 ,7 और 10 (तीनों के 10 से ज्यादा वार्डों में तैनात कर्मचारी) उद्दान शाखा व सभी पंप हाउस के करीब 4 हजार कर्मचारियों को खंगाला | इनमें 1 हजार से ज्यादा कर्मचारी गायब मिले | गैरतलब है की निगम में कुल 16,600 कर्मचारी हैं , इनमें 12 हजार से आधिक अस्थायी हैं |
अधिकारी – नेताओं के रिश्तेदार भी नियामित काम पर नहीं जाते है निगम के माता मंदिर दफ्तर परिसर में शाखा एवं खाद्द शाखा | यह सालों से बंद है | लोकजंग रिपोर्टर यहां पहुंचा तो शिक्षा शाखा इसे छोड़कर बाकी शाखाएं खुली मिलीं | वहां के कर्मचारियों ने बताया की सालों से शिक्षा शाखा में किसी को आते – जाते नहीं देखा | फिर भी निगम के रिकॉर्ड में यहां 4 कर्मचारी तैनात हैं | निगम उपायुक्त सीबी मिश्रा की पत्नी सरोज लिपिक (विनियमित) के पद पर हैं | इनकी बेटी नीतू तिवारी भी 29 दिवसीय कर्मचारी के तौर पर तैनात हैं | बाकी दोनों कर्मचारी ममता गुप्ता , दीपक है | चारों को हर महीने 12-12 हजार रुपए वेतन मिलता है |
पूर्व एमआईसी सदस्य की पत्नी भी रैन बसेरे की कर्मचारी पर कभी नहीं आती ईदगाह हिल्स पर निगम का वार्ड 10 ऑफिस | इससे कुछ दूर रैन बसेरा है | वार्ड के रिकॉर्ड में यहां दो रैन बसेरों में 10 कर्मचारी तैनात हैं , लेकिन लोकजंग को मौके पर छह ही अलग – अलग शिफ्ट में काम करते मिले | पूर्व एमआईसी सदस्य महेश , मकवाना की पत्नी मंजू यादव का नाम 2 साल से कर्मचारी के तौर पर दर्ज हैं | लेकिन हकीकत यह है, कि मंजू को किसी ने कभी भी रैन बसेरे में ड्यूटी करते नहीं देखा |
वार्ड 78 में 40 से ज्यादा कर्मचारी लेकिन फील्ड में 10 भी काम नहीं करते मिले लोकजंग वार्ड 78 के सफाई दरोगा जितेंद्र कुमार को फोन कर उसकी टीम की जानकारी मांगी | दरोगा ने कहा फील्ड पर आ जाएं| हम फील्ड में पहुंचे तो दरोगा नहीं आया | फोन किया कि कर्मचारियों का हाजिरी रजिस्टर ही दिखा दें | दरोगा ड्यूटी पर होने का बहाना रहा | हमने स्थानीय पार्षद मो. रियाज से लिस्ट मांगी | लिस्ट के मुताबिक 40 से ज्यादा सफाईकर्मी यहां तैनात हैं | हम पार्षद के साथ सुबह फील्ड पर पहुंचे तो पूरे वार्ड में 10 कर्मचारी भी काम करते नहीं मिले | लगता भोपाल नगर निगम घोटालो का नगरनिगम बनता जा रहा है इन घपलो घोटालो पर कोई बड़ी जांच कर हराम कि खाने और खिलाने वालों पर कभी कोई कार्यवाही पता नही होगी भी कि नहीं हैं |