भोपाल ( कशिश मालवीय ) प्रदेश में एमबीबीएस और यूजी डेंटल में एडमिशन के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कोटे के फर्जी सर्टिफिकेट लगाने का बड़ा मामला सामने आया है | एनआईटी काउंसलिंग के पहले दौर के बाद तीन केस सामने आ गए हैं | इसमें दो अभ्यर्थी एमबीबीएस के हैं | एक रतलाम मेडिकल कॉलेज से जुड़ा है , जबकि दूसरा विदिशा मेडिकल कॉलेज का मामला है | इन दोनों के फर्जी सर्टिफिकेट भोपाल जिला प्रशासन ने पकड़े , क्योंकि दोनों यहीं से जारी दिखाए गए थे | भोपाल जिला प्रशासन ने साफ कर दिया कि उनके यहां उपलब्ध रिकॉर्ड से ये सर्टिफिकेट मेल नहीं खाते | अब इनके प्रवेश रद्द हो सकते हैं |
डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन इस मामले मे डीन को ताकीद कर सकते हैं कि वह एफआईआर कराएं | एमबीबीएस के दो केस में एक अनन्या राज पिता जितेंद्र त्रिपाठी है | अनन्या ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हरिक्रष्ण तिवारी के कोटे का इस्तेमाल किया था , जबकि दूसरे सुधांशु कुमार पिता राजेश हैं , जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी देवानंद यादव के नाम का कोटा लिया था | रतलाम हुए कहा कि इनके एडमिशन कैंसिल होना तय है | इनसे अंडर टेकिंग पहले ही ली जा चुकी है | खुशाली दीवानी पिता रमेशचंद दीवानी का सर्टिफिकेट परीक्षण में है | इन्होंने नाथूराम सूत्रकार स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के कोटे का उपयोग किया | इधर , इंदौर में भी यूजी डेंटल का एक केस सामने आया है | जांच के बाद इन सभी के प्रवेश रद्द किए जाएंगे |
डीएमई डॉ. अरुणा कुमार ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का कुल कोटा 66 का है | इसमें से नीट काउंसलिंग में 36 पर दावेदारी की गई है और 22 एडमिशन के लिए दस्तावेज सबमिट हुए हैं | इसमें 21 एमबीबीएस और 1 डेंटल यूजी का है | अभी तक 5 केस में जिला प्रशासन से ओके रिपोर्ट मिली है | डॉ एमबीबीएस और एक डेंटल के एडमिशन रद्द होंगे | बुधवार को परीक्षण की और रिपोर्ट आ जाएगी , तब सही स्थिति का पता चलेगा | डीएमई ने कहा कि प्रवेश रद्द होंगे | बाद में शासन के निर्देश के बाद डीन कानूनी कार्रवाई भी कर सकते हैं |