भोपाल ( कशिश मालवीय ) चार महीने बाद 10वीं , 12वीं के बच्चों की बोर्ड परीक्षा होने वाली है | वहीं हजारों शिक्षकों की बीएलओ ड्यूटि लगा दी गई है | प्रदेश के लगभग हर अभिभावक को यह चिंता सता रही है , बच्चे पास होंगे या कहीं अटक तो नहीं जाएंगे | यदि पास हुए भी तो कठिन विषयों में अच्छे अंक मिलिंगे या नहीं ?
ऐसा इसलिए क्योंकि पहली बार ऐसा हुआ जब गणित , अंग्रेजी , भौतिकी व रसायन शास्त्र जैसे कठिन विषयों को पढ़ाने वाले 2000 शिक्षकों को बीएलओ का जिम्मा दे दिया | कई स्कूलों में तालाबंदी की नौबत बन गई है | यह हाल अब है जब पहले 60 से 70 हजार शिक्षकों की कमी है और चार महीने बाद फरवरी – मार्च 2026 में बोर्ड परीक्षाएं हैं | जबकि लोक शिक्षण आयुक्त ने कठिन विषयों के शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटि से बाहर रखने के निर्देश 27 सितंबर को जारी तो किए लेकिन इसका पालन होता नहीं देख रहा |
बुरहानपुर के तिलक वार्ड – 1 में मेन मराठी – हिन्दी प्राथमिक स्कूल है | इसमें 70 बच्चे दर्ज है , जिन्हें दो शिक्षका सारिका शाह व विद्दा देशपांडे पढ़ाती हैं | इनकी ड्यूटि बीएलओ में लगा दी और इन्हें एसडीएम कार्यालय तलब किया | स्कूल में अतिरिक्त शिक्षक नहीं थे | इसलिए इन्होंने गेट पर लिखा कि स्कूल आगामी आदेश तक बंद रहेगा | अभिभावक ने शिक्षकों की ड्यूटि न लागने की मांग की |
छतरपुर के उत्क्रष्ट हायर सेकेंडरी स्कूल – 01 में 3600 बच्चे हैं | यहां के 14 शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटि में लगाया है | अंग्रेजी विषय के शिक्षक रामप्रकाश बाजपेयी , गणित उमा , शिक्षक मोहम्मद राशिद अली , भौतिकी के आरबी पटेल भी शामिल हैं | बच्चों के लिए ये तीनों ही विषय कठिन माने जाते हैं , जिनमें ज़्यादातर बच्चे अटकते हैं |