जलगांव : 23/01/2025 : मौत किसी को भी मौका नहीं देती है जब जिसका समय आ गया वो चाहे लाख कोशिश कर ले पर मौत उसको दबोच ही लेती है और जिसका रिज्क दुनिया में और लिखा है उसे कोई मार नहीं सकता कई हादसे ऐसे भी होते हैं जिसमें तीन लोग कुचले जाते हैं, लेकिन जिसका वक्त पूरा हो गया उसकी सांसे थम जाती हैं और अगर वक्त पूरा नहीं हुआ तो उसे जिंदगी वापस मिल जाती है | ये हादसा भी इसी तरह हुआ कि लखनऊ से मुंबई जा रही पुष्पक एक्सप्रेस ट्रेन में बुधवार शाम करीब 4:45 बजे चिंगारी की अफवाह फैलते ही आग लगने के डर से यात्रियों ने चेन खींच दी ताकि उनकी जान बच जाए लेकिन उन्हें क्या पता था जान बचाने के लिए जो लोग उतर रहे हैं उनकी मौत उन्हें बुला रही है | ऐसा ही हुआ जैसे ही ट्रेन रुकी यात्री बाहर की तरफ भागे और पास की पटरी पर कर्नाटक के यशवंतपुर (बेंगलुरु) से हजरत निज़ामुद्दीन (नई दिल्ली) जा रही कर्नाटक एक्सप्रेस आ गई | पुष्पक के यात्री इसी की चपेट में आ गए देखते ही देखते लोगों के सिर धड़ से अलग हो गए | हादसे में 13 यात्रियों की मौत हो गई और 10 से अधिक यात्री गंभीर रूप से घायल हुए हैं | महज उन यात्रियों की जान बच गई जो पटरी के किनारे खड़े थे या जो पुलिया से कूद गए | रेलवे अफसरों का कहना है कि अलार्म चेन पुलिंग के बाद पुष्पक एक्सप्रेस रुकी तो पायलट ने ट्रेन की फ्लशर लाइट चालू कर दी, यह इमरजेंसी वॉर्निंग लाइट है | कर्नाटक एक्सप्रेस के पायलट ने फ्लशर लाइट सिग्नल देखकर ब्रेक लगाना शुरू किया जहां घटना हुई वहाँ ट्रैक पर कर्व है इससे ब्रेक सिस्टम प्रभावित हुआ | चेन पुलिंग के समय ट्रेन पुलिया और उसके आगे खड़ी थी पचोरा के पास रेल ट्रैक पर शार्प मोड़ है यहां पचोरा से आने वाली ट्रेन तब तक नहीं दिखती जब तक पूरी तरह मुड़ न जाए इसलिए ट्रैक पर खड़े यात्री कर्नाटक एक्सप्रेस को नहीं देख पाए और हादसा हो गया |