भोपाल : 08/02/2025 : शहर को भिखारी मुक्त बनाने की कार्यवाही महज एक दिखावा साबित हो रही है | फुटपाथ, चौराहों पर पड़े भिखारियों को शेल्टर होम में लाने के लिए जिस संस्था को ज़िम्मेदारी सौंपी गई है वह तीन दिन में महज 6 बुजुर्गों को ही शेल्टर होम में पहुंचाने में सफल हुई है | हालांकि इनमें सड़क पर भीख मांगने वाला कोई नहीं है | यहां हमीदिया अस्पताल में इलाज कराने आए लोगों को उठाकर शेल्टर होम भरने की कवायद चल रही है | शुक्रवार दोपहर कोलार सीएचसी से सटकर बने भिखारी शेल्टर होम में एक ई-रिक्शा चार लोगों को लेकर पहुंचा इनको हॉल में जाकर रुकने को कहा गया | झागरिया निवासी मनोहर विश्वकर्मा बुधवार को हमीदिया अस्पताल में इलाज कराने के लिए रुके हैं उनकी 11 फरवरी को सर्जरी होनी है उन्हें ई-रिक्शा में जबरन बैठाकर शेल्टर होम में ले जाया गया | वहीं गाडरवारा के चंद्रकांत के पैर के ऑपरेशन होने हैं | वह दो महीने से हमीदिया में रुके हैं, उन्हें भी शेल्टर होम मे ले जाया गया विरोध करने पर दोनों को छोड़ा गया | संस्था की संचालक संगीता निरलोर से पूछने पर उन्होने कहा कि हमें काम तो सौंप दिया गया लेकिन भिखारियों को लाने ले जाने के लिए वाहन की व्यवस्था नहीं की, हम अपने स्तर पर ई-रिक्शा के माध्यम से ही भिखारियों को लाने का काम कर रहे हैं | धीरे धीरे संख्या बढ़ रही है अभी जो भी लोग यहां ठहरे हैं दो तीन दिन में ही लाए गए हैं | इधर, सामाजिक न्याय विभाग के संयुक्त संचालक आरके सिंह का कहना है कि संस्था का काम भिखारियों को लाकर शेल्टर होम में रखना है | गाड़ी और कर्मचारियों की व्यवस्था उन्हें ही करना है संख्या बढ़ाने के लिए मरीजों को लाना गलत है ऐसा करने पर कार्यवाही की जाएगी |
