भोपाल ( कशिश मालवीय ) जहां प्रदेश मे एक और पड़े लिखे बेरोजगार छोटी से छोटी नौकरी के लिए दर दर भटकने को मजबूर है। वहीं दूसरी और प्रदेश में ऐसे भी कुछ सरकारी निगम मण्डल विभाग है।जहाँ तैनात सरकारी कर्मचारी बिना काम किए सरकारी वेतन पर ऐश कर रहे है। उन्ही मे से एक हथकरघा विभाग के जिला कार्यालयों में तैनात अधिकारी – कर्मचारियों के पास कोई काम नहीं है, 13 जिलों में संचालित कार्यालयों में 75 से अधिक कर्मचारियों की तैनाती है। जिनके वेतन पर सालाना 1 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं, ऐसी स्थिति पिछले 4 साल से देखी जा रही हैं | बिना काम के अधिकारी – कर्मचारियों को अब तक लगभग 4 करोड़ से ज्यादा का भुगतान किया जा चुका है | इनके कामकाज की पड़ताल में पता चला कि केंद्र सरकार की गिनती की 4 योजनाओं की सूचना देने के अलावा इनके पास कोई काम नहीं हैं | उसमें भी योजनाओं की सूचना ऑनलाइन पोर्टल पर सिंगल क्लिक पर उपलब्ध है | जानकारी के मुताबिक कुछ साल पहले तक राज्य सरकार की योजनाओं की सूचना देने की भी जिला कार्यालयों में स्टाफ के पास ज़िम्मेदारी थी | लेकिन राज्य की तो सभी योजनाएं बंद होने के बाद से अब इनके पास इससे जुड़े कामकाज भी नहीं बचे है। हैरान वाली बात यह है, कि बिना काम दफ्तर आकर सिर्फ हाजरी लगाने वाले ये कर्मचारी काफी समय से बिना बिजली – पानी की सुविधा के दफ्तर में बैठ रहे हैं |
इस पर विभागीय अफसरों से भी बात की | लेकिन किसी भी अधिकारी के पास बिना काम वेतन लेने वाले कर्मचारियों के कामकाज पर सीधा जवाब नहीं था | भोपाल जिला कार्यालय में ऐसे कर्मचारियों की संख्या करीब 5 हैं, विभागीय अफसर तो इससे पूरी तरह अनजान हैं | उनका कहना था कि यदि ऐसा है तो वे जल्द ही नए सिरे से विभाग के कर्मचारियों को कार्य सौंपेंगे |
हथकरघा , सहा संचालक बोले – कर्मचारी – अधिकारी राष्ट्रीय योजना व बीमा योजना के कार्य करते है, बुनकरों को भी सूचना देते हैं, कार्यालय का किराया एवं बिजली बिल दोनों बकाया है| शिफ्ट करने की कवायद चल रही है, कलेक्टर रेट के हिसाब से भवन नहीं मिल रहा है|