भोपाल : 07/01/2025 : सरकार जल्द से जल्द सरकारी बसें चलाने का दावा तो कर रही है लेकिन अब तक प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने की तैयारी भी शुरू नहीं की गई है | बावजूद इसके सरकार जगह जगह बस सुविधा की जल्द शुरुआत होने के पोस्टर लगवा रही है | जबकि अभी तो परिवहन विभाग इसके लिए सर्वे करवाने की तैयारी कर रहा है | इसमें बस रूट, फंडिंग, स्कीम, मॉडल, यात्री संख्या और अन्य चीजों का डेटा जुटाकर प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने में ही एक साल लग सकता है | इसके बाद प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद भी कम से कम छह से आठ महीने और लग सकते हैं यानी पूरा डेढ़ साल लगने की संभावना है | लेकिन सरकार दावा कर रही है कि जल्दी ही यात्रियों को कम किराए में बेहतर और सुलभ बस सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी | अभी सर्वे करवाने के बाद भी डेढ़ साल का समय लगेगा | इस सर्वे का उद्देश्य यह है कि सरकारी बसों को ऐसे रूट पर चलाया जाए जहां यात्रियों की संख्या ज़्यादा होती है, विभाग को यह जानकारी मिलेगी कि किस स्थान पर कितनी बसों की जरूरत है | किस समय पर ज़्यादा बसें दी जाना चाहिए | बाद में भी आंकड़ों के आधार पर नए रूट की योजना बनाई जा सकेगी | यात्री एप के माध्यम से बसों की उपलब्धता और समय सारणी को ट्रैक कर सकेंगे | बसों का संचालन निजी कंपनियां करेंगी, जबकि राज्य सरकार बसों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे जैसे डिपो, और चार्जिंग स्टेशनों की व्यवस्था करेगी | ये सभी बसें ईवी होंगी | प्रदेश को सात ज़ोन में बांटकर सरकारी बसें चलाई जाएंगी | इन सभी ज़ोन के लिए अलग-अलग स्पेशल व्हीकल कंपनियां बनेंगी, जो अपने-अपने ज़ोन में ऑपरेटर चुनने, संचालन और मेंटेनेंस के लिए जिम्मेदार होंगी | ये वैसे ही होंगी जैसे इंदौर, भोपाल, जबलपुर में सिटी बस कंपनियां शहर के अंदर और बाहरी रूट के लिए बसें चला रही हैं | इन सातों कंपनियों के ऊपर एक स्टेट होल्डिंग कंपनी होगी, जो इनके बीच समन्वय और नियंत्रण का काम करेगी |
