भोपाल : 13/02/2025 : जेपी अस्पताल की पार्किंग को स्मार्ट पार्किंग बनाने के लिए 2019 में बनाई गई योजना सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गई | स्मार्ट पार्किंग के नाम पर यहाँ महज एक बेरियर ही दिखाई देता है वो भी वसूली के लिए खोला और बंद किया जाता है | इस योजना के लिए शासन को प्रस्ताव भी भेजा गया था, लेकिन स्मार्ट पार्किंग की योजना को भी 4 साल गुजर चुके हैं, लेकिन अब तक यहां व्यवस्थाएं चरमराई हुई हैं | इस अस्पताल में रोजाना एक हज़ार मरीजों की ओपीडी लगती है बावजूद इसके यहां पार्किंग व्यवस्था सही ढंग से नहीं कराई जा रही | सीधे कहें तो अस्पताल प्रबंधन पार्किंग के संचालन को लेकर लंबे समय से बेपरवाह बना हुआ है यही कारण है कि पार्किंग की अव्यवस्थाएं कम होने के बजाए लगातार बढ़ रही हैं | दरअसल, 5 माहीने पहले तह यहां शर्मा इंटरप्राइजेज़ द्वारा पार्किंग का संचालन किया जा रहा था, लेकिन टेंडर की अवधि सितंबर 2024 को खत्म हो गई और अब तक अस्पताल प्रबंधन नए कांट्रैक्टर का सिलेक्शन नहीं कर पाया है | इस कारण टेंडर की शर्त के मुताबिक पुराने कांट्रैक्टर से ही मनमानी वसूली कराई जा रही है | ऐसा नहीं है कि प्रबंधन ने इसके लिए टेंडर नहीं निकाले अब तक तीन बार टेंडर निकाले जा चुके हैं | शुरुआत में 22 लाख फिर 20-20 लाख के दो टेंडर निकाले लेकिन कोई कंपनी टेंडर नहीं ले रही इसका कारण जानने के लिए जब अस्पताल की पड़ताल की गई तो पता चला कि एक साल पहले मेटरनिटी और बच्चा वार्ड सहित 40 फीसदी स्टाफ काटजू अस्पताल में शिफ्ट हो रहा है | वहीं दूसरी ओर अस्पताल में वाहनों की संख्या में कमी और टेंडर के रेट अधिक होने से भी कोई कंपनी पार्किंग संचालन में रुचि नहीं दिखा रही है | अस्पताल प्रबंधन को इसकी जानकारी होने के बाद भी तीन बार अधिक रेट पर टेंडर निकालने के नाम पर खानापूर्ति की गई जबकि प्रबंधन को शुरुआत में ही पूर्व के रेट कम करके टेंडर निकालना चाहिए था | अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि पूर्व में यहां से मेटरनिटी विंग सहित कुछ अन्य डिपार्टमेंट दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके हैं, वाहनों की संख्या पहले की तुलना में कम हो गई है इसी कारण टेंडर का रेट 20 लाख करने पर भी कोई आगे नहीं आया | जल्द ही रोगी कल्याण समिति के समक्ष इसके रेट कम करने के लिए प्रस्ताव रखेंगे ताकि जल्द पार्किंग संचालन के लिए नया कांट्रैक्टर मिल सके |
