मध्यप्रदेश में बह रही भ्रष्टाचार की गंगोत्री?
पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह का आरोप
900 करोड़ का भुगतान – 600 करोड़ का घोटाला!”
एम्बुलेंस के नाम पर किया गया सबसे बड़ा खेल!”
मां अम्बे इमरजेंसी सर्विसेस को ढाई साल में 900 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया।
लगभग 2000 एम्बुलेंसों पर औसतन प्रति एम्बुलेंस 45 लाख रुपए का किराया दिया गया — जबकि एक पूरी तरह सुसज्जित एम्बुलेंस की खरीद लागत 20 लाख से भी कम होती है।
अब सवाल ये है उठ रहे है कि
बाकी के 600 करोड़ किसकी जेब में गए? क्या इसकी कोई जांच करेगी मोहन सरकार या ये मामला भी मध्यप्रदेश के बाकी घोटालों की तरह दबा दिया जाएगा हैरान करने वाली बात ये है कि एक तरफ भाजपा सरकार भ्रष्टाचार के मामलों पर जीरो टॉलरेंस की बात करती है,दूसरी तरफ मध्यप्रदेश में एक बाद एक घोटालों की पोल खुल रही है छापो में करोड़ो की जब्ती हो रही है ।आखिर इन भ्रष्टाचार करने वाले नेताओं या अफसरों पर किसका हाथ है?
ये पैसा गरीब मरीजों का था, जनता के इलाज के लिए था — मगर घोटाले में बहा दिया गया।
नेशनल हेल्थ मिशन के फंड का ये दुरुपयोग है, और इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।