भोपाल ( कशिश मालवीय ) भोपाल के श्यामला हिल्स स्थिर अनुसूचित जाति ( एएसी ) बालक महाविद्दालय छात्रावास के अच्छे – खासे भवन को अफसरों ने अपनी जांच रिपोर्ट में जर्जर बता दिया है | स्टूडेंट्स ने इस भवन के शौचालय में दरार आने की शिकायत विभाग के कमिश्नर से की थी | इसके बाद भवन का निरीक्षण करने के लिए टीम बना दी गई , पड़ताल में पता चला कि भवन का निरीक्षण किए बिना ही अफसरों ने अपनी कागजी रिपोर्ट में भवन को जर्जर घोषित कर दिया | परेशान छात्रों का कहना है कि इस झूठी रिपोर्ट के कारण अब उनको रहने की दिक्कत आ सकती है | उन्हें भवन से निकाला जा सकता है , वहीं बड़े अफसर दोबारा भवन का निरीक्षण कराने की बात कह रहे हैं |
इस छात्रावास की मरम्मत करीब 3 साल से नहीं की गई , इस वजह से भवन में बने शौचालय की दीवार में दरार आ रही थी | छात्रों ने समस्या की शिकायत विभाग के कमिश्नर तक की | लेकिन अफसरों ने हॉस्टल के भवन की मरम्मत कराने की बजाय , जांच टीम गठित कर दी | इस टीम में पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री राकेश निगम , राजीव शर्मा सहित तत्कालीन असिस्टेंट कमिश्नर सुधीर श्रीवास्तव भी थे | जानकारी के अनुसार अफसरों ने 11 जून को हॉस्टल के भवन का निरीक्षण किया और इससे जर्जर घोषित कर दिया दिया गया | इस रिपोर्ट के बाद अफसरों ने इस सत्र से यहां स्टूडेंट्स का एडमिशन लेना बंद कर दिया है | टीम ने अफसरों द्वारा किए गए इस भवन के निरीक्षण की पड़ताल की तो , हकीकत अफसरों की रिपोर्ट से कुछ और निकली | इसके बाद टीम ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखे , इसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए पता चला कि 11 जून को तो सिर्फ असिस्टेंट कमिश्नर सुधीर श्रीवास्तव ही भवन का निरीक्षण करने पहुंचे थे ऐसे में स्पष्ट है कि अफसरों की ओर से दफ्तर में बैठे – बैठे ही भवन के निरीक्षण की रिपोर्ट तैयार की गई है और इसके बाद भवन को जर्जर बता दिया |
टीम ने छात्रावास में रहने वाले छात्रों से भी बात की | पता चला कि 11 जून को तो कोई भी अफसर भवन का निरीक्षण करने कहीं पहुंचा है | छात्रों का कहना है कि हमने सिर्फ भवन के शौचालय की शिकायत की थी , इस हिस्से की मरम्मत करने पर समस्या का समाधान हो सकता है | लेकिन अफसरों ने कागजों में पूरे भवन को ही जर्जर बता दिया , अब हमारे सामने रहने की दिक्कत आ गई है | कॉलेज छात्रावास के इस भवन में 18 कमरे हैं , यहां करीब 50 छात्र रह सकते हैं | हॉस्टल के सभी कमरे ठीक – ठाक हैं , प्रदेश के लगभग 12 जिलों के छात्र यहां रहकर पढ़ाई कर रहे है |
यदि अफसरों ने कागजों में ही रिपोर्ट तैयार की है , तो इसकी जांच की जाएगी | इसके साथ ही दोषी अफसरों पर कार्रवाई भी की जाएगी | कौशलेंद्र विक्रम सिंह , कलेक्टर भोपाल