भोपाल ( कशिश मालवीय ) माता – पिता इस उम्मीद से बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूल भेजते हैं कि उनकी अच्छी शिक्षा अनुशासन और साथ ही संस्कार भी मिलेंगे | खासतौर से अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई और अनुशासन के लिए मिशनरी स्कूलों को सबसे बेहतर माना जाता है | लेकिन जब इन्हीं स्कूलों के प्रिंसिपल पर हत्या , छेड़छाड़ और धार्मिक भेदभाव जैसे गंभीर आरोप हों , तो सवाल उठाना लाजिमी है – आखिर ऐसे लांछित गुरु बच्चों को कौन – सी शिक्षा देंगे ? इनमें से श्योपुर के सेंट पायस स्कूल के प्रिंसिपल फादर जॉन जेवियर पर एक महिला द्वारा धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाया है इसे लेकर श्योपुर के जिला शिक्षा अधिकारी ने उन्हें नोटिस देकर तीन दिन में जवाब पेश करने को कहा है | यही नहीं उनपर ग्वालियर में पदस्थी के दौरान कार्मल कान्वेंट स्कूल की महिला कर्मचारी ने छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी | इनकी डिग्री पर भी सवाल उठे थे , बाद में इन्होंने दूसरे कॉलेज से बीएड की डिग्री ले ली | एडवोकेट अशोक प्रजापति के अनुसार इनके खिलाफ ह्त्या का मामला न्यायालय में विचाराधीन है | लेकिन सामाजिक संगठन में इनकी पकड़ इतनी मजबूत है कि उनसे ऊपर बैठे जिम्मेदार भी उनका कुछ बिगाड़ नहीं पा रहे हैं |
इन प्राचार्यों पर किसी और की नहीं बल्कि अपने ही क्षेत्र के सर्वोच्च धर्मगुरु बिशप की हत्या का आरोप है | लेकिन इन सबके बावजूद ज़िम्मेदारों ने मौन धारण किया हुआ है | इस संबंध में जब बिशप जोसेफ ताइकाटिल से बात करने का प्रयास किया तो उनका मोबाइल रिसिव नहीं हुआ |
जॉन जेवियर श्योपुर के सेंट पायस स्कूल के प्रिंसिपल हैं | उन पर पूर्व बिशप थॉमस थेन्नेट की हत्या का आरोप है थेन्नेट के परिजन ने जॉन जेवियर को ह्त्या का मास्टरमाइंट बताया है |
सेंट पीटर स्कूल सिमरिया टांका की प्रिंसिपल सिस्टर आशा बेनन पर धर्म परिवर्तन कराने की शिकायत जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग में की गई है
मोहन के सेंट एंथोनी स्कूल के प्रिंसिपल फादर प्रताप टोपो पर भी ह्त्या का आरोप है | पूर्व बिशप थॉमस थेन्नेट की ह्त्या के मामले के आरोपी टोपो का मामला भी न्यायालय में है |