Breaking News
Home / धर्म / हाथरस सत्संग में मची भगदड़ में 116 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन ?

हाथरस सत्संग में मची भगदड़ में 116 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन ?


लखनऊ : 03/07/2024 : यूपी के हाथरस जिले के पुलराई गांव में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग आयोजन खत्म होने के बाद सेवादारों ने बाबा को रास्ता दिलाने के लिए भक्तों को हटाया इस दौरान वहां भगदड़ मच गई | बाबा के पैर छूने के लिए भक्त आगे बढ़े हजारों की तादाद में लोगों की भीड़ बाबा के पास पहुंचने की होड़ में बेकाबू हो गई बाबा को निकालने के लिए सेवादारों ने रास्ता बनाने की कोशिश की, लोगों को धकेलकर रास्ता बनाने लगे तभी एक दूसरे की धक्का मुक्की से भगदड़ मची और इसमें करीब 116 लोगों की मृत्यु हो गई | मृतकों में 108 महिलाएं, 7 बच्चे और 1 पुरुष शामिल  हैं | सैंकड़ों लोग घायल हुए हैं उनमें कई लोग गंभीर स्थिति में मौत और ज़िंदगी के बीच झूल रहे हैं | इतनी बड़ी घटना का जिम्मेदार कौन है ? घटना के बाद से बाबा सामने नहीं आए, वह देर रात मैनपुरी स्थित रामकुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट आश्रम पहुंचे जहां बड़ी संख्या में उनके अनुयायी थे तो पुलिस अंदर नहीं जा सकी | घटनास्थल से तीन किमी दूर तक सड़क पर जाम लगा था इस कारण घायलों को अस्पताल तक पहुँचने में देरी हुई, कई लोगों ने इलाज के अभाव में रास्ते में ही दम तोड़ दिया | अस्पतालों में भी भीड़ से अव्यवस्था हो गई, अस्पताल के बाहर शवों के बीच लोग अपनों को तलाश रहे थे | बेकसूर लोग तो बाबा को देखने और उन्हें सुनने पहुंचे थे, लेकिन इस हादसे का शिकार हो गए जब इतने अधिक श्रद्धालुओं की सही ढंग से व्यवस्था नहीं कराई गई थी तो क्यों उन्हें आयोजन में शामिल होने दिया | व्यवस्था की कमी के कारण भगदड़ मची जिससे सैंकड़ों बेकसूर मौत के मुंह में हैं | जब श्रद्धालुओं की संख्या 50 हज़ार से अधिक थी तो जवानों की तैनाती 40 क्यों रही बढ़ाया क्यों नहीं गया इसे ? क्या खुफिया तंत्र भीड़ का सही आंकलन करने में सक्षम नहीं थे ? एक छोटे से गांव में इतनी बड़ी भीड़ पहुँच गई आखिर जिम्मेदार भांप क्यों नहीं पाए ? यह भयावह हादसा दिन में करीब 1:30 बजे हुआ, लेकिन उसके बाद से बाबा नारायण साकार हरि गायब क्यों हो गए उनकी तरफ से कोई बयान क्यों नहीं आया ? किसी भी धार्मिक या सामाजिक आयोजनों में लोग आस्था और भावना के चलते शामिल होते हैं लेकिन जिम्मेदार उन्हें हजारों, लाखों की भीड़ जुटाकर उन्हें उनके हाल पर छोड़ देते हैं |  महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों, की जान भले चली जाए, लेकिन इनका कुछ नहीं बिगड़ता सरकारें और प्रशासन भी इन पर हाथ नहीं डालते बस कार्यवाही का दिखावा होता है | एक मौत एक परिवार को तबाह कर देती है ये किसी की लापरवाही नहीं बल्कि मौत के मुंह में धकेलने का अपराध है | ऐसे आयोजकों, धर्मगुरुओं और अफसरों पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए |

About Saifuddin Saify

Check Also

महाकाल ज्योतिर्लिंग के गर्भग्रह में रोकने पर भी जबरन अंदर प्रवेश किया विधायक के पुत्र ने

🔊 पोस्ट को सुनें भोपाल (कशिश मालवीय) श्री महकलेश्वर ज्योतिर्लिंग के गर्भगृह में प्रवेश पर …

One comment

  1. यह जरूरी है कि समाज जागे और सही मायनों में शिक्षित बने । इस देश के कितने ही नेता खुद जनता को बाबाओं की शरण में ले जाते हैं । उदाहरण के तौर पर आशा राम, राम रहीम सामने हैं । कानून आज पंगु बना दिया है धर्म के नाम पर । जगह जगह मियां बंगाली भी उगे हुए हैं जो भोले लोगों की तकलीफ़ों को नहीं पर अपनी तकलीफ़ों को जरूर मिटा रहे हैं और अय्याशी में ऐसे मुफ्तखोर पेट भरने पर जिस्मों पर टूट पड़ते हैं । जनता को सावधान कीजिये ।

Leave a Reply to Kedar Nath Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Best WordPress Developer in Lucknow | Best Divorce Lawyer in Lucknow | Best Advocate for Divorce in Lucknow