नई दिल्ली : 27/12/2024 : देश में आर्थिक सुधारों के महानायक पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी का गुरुवार को निधन हो गया | 92 वर्षीय डॉ. सिंह लंबे समय से अस्वस्थ थे | उन्हें दिल्ली एम्स में रात 8:06 बजे भर्ती कराया गया था यहीं रात 9:51 बजे उनकी सांसे थम गईं | डॉ. सिंह 2004 में देश के 13वें प्रधानमंत्री बने और मई 2014 तक दो टर्म इस पद पर रहे | वे देश के पहले सीख और चौथे सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे | मनोहन का जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब के चकवाल में हुआ था | पंजाब विवि में प्रोफेसर के रूप में करियर शुरू करने वाले सिंह 1991 में वित्त मंत्री बने और आर्थिक क्रांति की शुरुआत की, उनके परिवार में पत्नी गुरशरण कौर और तीन बेटियां हैं | मनमोहन की सादगी की दुनिया कायल थी, 2010 में टोरंटो में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा था कि मनमोहन ने न केवल भारत बल्कि दुनिया को बेहतरीन लीडरशिप दी है | वे भारत को वर्ल्ड पावर के रूप में आगे ले जा रहे हैं | मनमोहन सिंह भारत में आर्थिक सुधारों के जनक कहे जाते थे, उनकी सुझाई नीतियों से ही आर्थिक सुधार के दरवाजे खुले थे | 24 जुलाई 1991 का दिन भारत की आर्थिक आजादी का दिन कहा जाता है | इस दिन पेश बजट ने भारत में नई उदार अर्थव्यवस्था की नींव रखी थी | डॉ. सिंह ने बजट में लाइसेंसिंग राज का अंत कर दिया था | कंपनियों को कई तरह के प्रतिबंधों से मुक्त किया गया था | आयात-निर्यात नीति बदली गई थी, जिसका उद्देश्य आयात लाइसेंसिंग में ढील और निर्यात को बढ़ावा देना था | यही नहीं विदेशी निवेश के दरवाजे खोल दिए गए थे | मनमोहन की दूसरी बड़ी उपलब्धि अमेरिका के साथ परमाणु करार थी | जनवरी 2014 में आखिरी प्रेस कान्फ्रेंस में उन्होने इसे अपने कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया था | देश अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक मनमोहन सिंह जी के निधन पर शोक व्यक्त करता है, उन्होने आर्थिक नीति पर मजबूत छाप छोड़ी | पीएम के तौर पर लोगों का जीवन बेहतर बनाने में उनका खास योगदान रहा | उनके निधन के बाद शुक्रवार को तय सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से होगा |
