भोपाल : 28/12/2024 : डीपीआई के पोर्टल पर निजी स्कूलों को फीस की जानकारी देना जरूरी है, इसके लिए चार साल पहले ही एक्ट बन गया था, लेकिन काम पिछले साल से ही शुरू हुआ | निजी स्कूलों ने तीन साल की फीस अपडेट करना शुरू किया और स्कूलों के नाम पोर्टल पर अपलोड होने लगे | लेकिन इस मामले में लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) द्वारा बरती गई लापरवाही साफ नजर आ रही है | दरअसल, जिले में एमपी बोर्ड से संबंधित तीन हजार निजी स्कूल हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ एक की ही जानकारी डीपीआई के पोर्टल पर नजर आ रही है | सभी स्कूलों ने तो पिछले और इस सत्र की फीस की जानकारी पोर्टल पर डाली थी, लेकिन डीपीआई ने यह डेटा हटा दिया | ऐसे में परेशानी बच्चों के माता-पिता को होगी क्योंकि अगले सत्र में उन्हें पोर्टल से पता ही नहीं चलेगा कि किस स्कूल ने कितनी फीस बढ़ाई है, क्योंकि पुराने साल की फीस की जानकारी तो दिखेगी ही नहीं | पोर्टल पर जब ‘निजी विद्दालय द्वारा प्रविष्ट’ फीस के विकल्प पर क्लिक किया जाता है तो नई विंडो खुलती है | इसमें सत्र, जिला और ब्लॉक चुनने के बाद जब स्कूल चुनने के विकल्प पर क्लिक करते हैं तो वहां सिर्फ एक ही स्कूल का नाम नजर आता है | तीनों सत्रों की ऑडिट रिपोर्ट भी निजी स्कूलों से इस सत्र की शुरुआत में ही ले ली गई थी | यानी पाँच साल का फीस स्ट्रक्चर पोर्टल पर नजर आना चाहिए, लेकिन पोर्टल से फीस की जानकारी गायब है | डीपीआई का तर्क है कि तकनीकी दिक्कत के कारण फीस का ब्यौरा गायब हुआ है, लेकिन दिक्कत क्या है ? ये वो भी नहीं बता पा रहे | पिछली बार भी तकनीकी दिक्कत बताकर पोर्टल लंबे समय तक बंद रहा था और इस सत्र की फीस जून तक भी अपडेट नहीं हो पाई थी |
Home / शिक्षा / डीपीआई की लापरवाही से अब तक घोषित नहीं हुआ स्कूलों का फीस स्ट्रक्चर बच्चों के परिजनों को होगी परेशानी |
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