भोपाल : 04/01/2025 : गौरतलब है कि मप्र का स्कूल शिक्षा विभाग 68वीं राष्ट्रीय शालेय खेल प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है | राजधानी में होने वाली हॉकी, राइफल शूटिंग, प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए दूर दराज से आए स्कूली बच्चों को ठहराने के लिए मप्र स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ी ही लापरवाही बरती है | 29 राज्यों से आए 1400 बच्चों को मैरिज गार्डन, हॉस्टल, आश्रमों में रुकवाया गया है वो भी तमाम असुविधाओं के साथ | भोपाल के 54 खिलाड़ी भी इनमें शामिल है | जो सर्द मौसम में ज़मीनों पर महज एक गद्दा और एक रज़ाई के भरोसे रातें गुजारने को मजबूर हैं | एक हॉल में 20 से 25 खिलाड़ियों को रोका गया है | ये दुर्दशा उन खिलाड़ियों के साथ पेश आ रही है जो आने वाले समय में भारत का गौरव होंगे | भविष्य में विदेशों में भारत का मान बढ़ाने के लिए सरकारी व्यवस्था के साथ संघर्ष करने के बावजूद इन खिलाड़ियों के हौंसले बुलंद हैं | यह खिलाड़ी कमरे के अंदर ही अपनी प्रैक्टिस कर जीत हासिल करने की तैयारी में जुटे हैं | यहां इनके खाने की भी सही ढंग से व्यवस्था नहीं की गई इन्हें डाइट के हिसाब से खाना उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, जबकि यह खिलाड़ी एक वक्त के खाने के 100 रु. और चाय नाश्ते के पैसे अलग से दे रहे हैं | इधर खिलाड़ियों को लेकर आए कोच और मैनेजरों का कहना है कि दिल्ली में भी प्रतियोगिताएं होती हैं, वहाँ की व्यवस्थाएं बिल्कुल एसजीएफआई के सर्कुलर के मुताबिक होती हैं, लेकिन मप्र में हॉल –कमरों में खिलाड़ियों को एक गद्दा एक रज़ाई देकर जमीन पर सुलाया जा रहा है जो मप्र के लिए बहुत ही शर्मनाक बात है |
