भोपाल : 31/12/2024 : गौरतलब है कि सरकारी एजेंसियों के बीच तालमेल न होने के कारण सरकारी पैसों के दुरुपयोग का मामला एक बार फिर उजागर हुआ है | इससे पहले भी अफसरों की लापरवाही सामने आ चुकी है जिसमें पैसों की बर्बादी का जिक्र किया गया था | दरअसल, प्रभात चौराहा से अप्सरा टॉकीज तक जिस जगह पर नगर-निगम के अफसर ढाई करोड़ रु. खर्च करके नाला बनवा रहे हैं, ठीक उसी जगह लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने दो साल पहले से डबल डेकर ब्रिज निर्माण की योजना बनाई थी | यहां कुल 350 मीटर तक नाले का निर्माण किया जाना है, 150 मीटर हिस्से में 12 फीट चौड़ा नाला बन चुका है, जबकि सड़क के दूसरी तरफ भी 2 फीट चौड़ा नाला 400 मीटर तक 6 महीने पहले ही बनाया जा चुका है | और अब पीडब्ल्यूडी इसे हटाकर सड़क खोदना शुरू कर चुकी है, यानी 12 फीट चौड़ा नाला बनाने पर खर्च किए जा चुके ढाई करोड़ रुपए नाले में बह गए | इतना ही नहीं यहां मेट्रो लाइन भी डाली जानी है | हैरत की बात तो यह है कि एक साल से चल रहे नाला निर्माण में बरती जा रही लापरवाही की भनक नगर-निगम के अफसरों को तब लगी जब मौके पर डबल डेकर ब्रिज की सर्विसलेन बनाने के लिए पीडब्ल्यूडी ने बैरिकेड्स लगाकर काम शुरू किया | इधर नाला निर्माण के लिए नगर-निगम के ठेकेदार ने शालीमार स्टर्लिंग के ठीक आगे से प्रभात चौराहा तक नाले के लिए खुदाई करके यहां संचालित 40 दुकानदारों का रास्ता पूरी तरह बंद करवा दिया | इससे इन दुकानों में काम करने वाले 100 से अधिक लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है | वहीं डबल डेकर का निर्माण करने वाली एजेंसी के मैनेजर का कहना है कि नगर-निगम द्वारा बनाए जा रहे नाले को हम ऊपर से स्लैब डालकर सर्विसलेन का निर्माण करा देंगे | लेकिन क्या नाले के ऊपर से सर्विस लेन बनाना उचित होगा ? और यदि स्लैब डाल भी दिया जाए तो क्या ये वाहनों का वजन सह पाएगा ? इसका जवाब उनके पास भी नहीं है |