भोपाल : 04/03/2025 :सागर के मानसिंह पटेल 22 अगस्त 2016 को अचानक लापता हो गए थे, लापता होने से तीन महीने पहले उन्होने सिटी मजिस्ट्रेट के सामने हलफनामा देकर आरोप लगाया था कि खाद्द एवं आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने उनकी पुश्तैनी जमीन पर कब्जा कर लिया है | इस शिकायत के बाद सिविल लाइंस थाना प्रभारी ने मौके की जांच की और रिपोर्ट दी कि वहां पिछले 3 महीनों से मंत्री का भवन निर्माण चल रहा था | मानसिंह के लापता होने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, अगस्त 2024 में कोर्ट ने मप्र के डीजीपी को 3 आईपीएस की एसआईटी बनाकर जांच करने का आदेश दिया | एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2000 से 2007 के बीच भूमि रिकॉर्ड में अनियमितताएं हुई थीं | एसआईटी ने क्लोज़र रिपोर्ट में मानसिंह पटेल को ही गवाह बना दिया | इसके अलावा इंस्पेक्टर लखन लाल उइके को शिकायतकर्ता और गवाह दोनों के रूप में दिखा दिया गया जबकि, मानसिंह पटेल तो 2016 से लापता हैं, एसआईटी का गठन ही उन्हें ढूंढने के लिए किया गया था वह अब तक नहीं मिले | एसआईटी ने कहा कि विवादित जमीन पर फिलहाल मानसिंह के बेटे और भाई का कब्जा है | जबकि हकीकत यह है कि 2016 में खुद मानसिंह ने गोविंद सिंह राजपूत पर जमीन कब्जाने और सरकारी रिकॉर्ड में नाम चढ़वाने का आरोप लगाया था | मंत्री राजपूत ने एसआईटी को बताया कि 2011 में कम्प्यूटर रिकॉर्ड में गलती से उनकी जमीन के दस्तावेज़ में एंट्री हो गई थी | उन्होने दावा किया कि 3 अक्टूबर 2016 को यानी मानसिंह के लापता होने के बाद उन्होने नाम हटाने के लिए आवेदन दिया था | जबकि जांच में उजागर हुआ कि विवादित जमीन पर राजपूत का ही कब्जा है और उनके भवन का निर्माण कार्य चल रहा है | इधर एसआईटी चीफ अभय सिंह ने कहा कि मानसिंह को गवाह के रूप में दिखाना तकनीकी गलती है,
