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सीएम से सिफारिश खनिज के 200 समेत 450 केस में पर्यावरणीय मंजूरी ने तूल पकड़ा खनन माफिया से मिलीभगत दो आई ए एस अफसर पर आपराधिक केस दर्ज हुआ


भोपाल( कशिश मालवीय)  खनिज के 200 समेत 450 केस में पर्यावरणीय मंजूरी के मामले ने टूल पकड़ लिया है | राज्य पर्यावरण  प्रभाव आकलन प्राधिकरण  (सिया) के अध्यक्ष  शिव नारायण सिंह चौहान ने मुख्य सचिव अनुराग जैन को पत्र लिखकर पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत मोहन कोठारी और एप्को की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आर उमा महेश्वरी पर गैर कानूनी काम करने का आरोप लगाया | साथ ही उन ओर आपराधिक केस दर्ज करने और तत्काल निलंबित  करने की सिफारिश की है |

9 जुलाई को लिखे पत्र में चौहान ने कह कि पीएस और एप्को डायरेक्टर ने 700 से अधिक लंबित प्रकरणों  में से 237 पर्यावरणीय मंजूरियां गैर कानूनी तरीके से पिक एंड चूज पैटर्न पर जारी कर दी है | जबकि सिंहस्थ से जुड़े कई अहम प्रोजेक्ट को लटकाकर रखा है | दोनों आईएएस  आधिकारी पिछले दो माह से जानबूझकर सिया कि बैठक नहीं होने दे रहे हैं |

चौहान ने पहले कि थी आपत्ति , लेकिन नहीं हुई कोई कार्रवाई

पीएस कोठारी – ईडी उमा महेश्वरी ने कहा सब नियमों के अनुसार , आरोप बेबुनियाद इधर , जिन पर चौहान ने आरोप लगाए हैं , उन्होने इसे सिरे खारिज किया है | नवनीत मोहन क

कोंठारी  ने कहा कि किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है | तमाम मंजूरी नियम से हुई | जहां तक किसी पत्र का मामला है तो उन्हें इसकी जानकारी नहीं | काम नियम और एक्ट के तरह हुए , इसीलिए सारी पर्यावरण मंजूरी यथावत हैं | किसी को भी वापस नहीं लिया गया |

आर उमा महेश्वरी ने कहा कि चौहान झूठ बोल रहे हैं | ऑन पेपर सारे दस्तावेज शासन को भेज दिए गए हें | साथ ही पूरे मामले से उन्हें अवगत करा दिया है | सभी मामले नियमों और प्रक्रिया का पूरा पालन किया गया है |

चौहान का दर्द , 50 से अधिक पत्र मैं लिख चुका  सुनवाई नहीं.. चौहान ने लिखा कि आवेदकों कि पर्यावरण मंजूरी  (ईसी) की अनुमति में कूटरचना कर इसकी असत्य व्याख्या की और डीम्ड एप्रूवल दे दिया है | डायरेक्टर की कार्यप्रणाली और अनियमितताओं को एकर 50 से अधिक पत्र मैं लिख चुका हूं| पर्यावरण विभाग में फैली अराजकता को दूर करने के लिए इस कदा- चरण पर सख्त कार्रवाई करना जरूरी है। ताकि कानून का राज स्थापित हो सके |

निर्माण प्रोजेक्ट को पर्यावरणीय मंजूरी जारी करने का मामला 23 मई को सामने आया , प्रदेश में खनिज , उद्दोग और बड़े निर्माण प्रोजेक्ट को पर्यावरणीय मंजूरी जारी करने का यह मामला 23 मई को सामने आया | सिया की मंजूरी के बिना एप्को के प्रभारी  सदस्य सचिव श्रीमन शुक्ला ने प्रमुख सचिव के अनुमोदन से 450 मामलों में डीम्ड पर्यावरणीय मंजूरी जारी कर दी है | 23 को यह ईसी जारी की गई थीं , जिसमे 200 से अधिक मामले खनिज विभाग से संबंधित रहे | सिया के अध्यक्ष शिव नारायण सिंह चौहान ने डीम्ड परमिशन जारी किए जाने की गैर कानूनी बताते हुए पूरी मामले की शिकयात केंद्रीय पर्यावरण , वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से कर दी है |

चौहान ने ईस मामले में एक रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजकर मप्र में पर्यावरणीय कानूनों का उल्लंघन कर भ्रष्टाचार के अरोप लगाए हैं हैरान करने वाला तथ्य है कि 22 मई से एसईईएआई की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आर उमा महेश्वरी मेडिकल लीव पर गईं | एसईईएआई ला के मेंबर सेक्रेटरी का अस्थाई प्रभार जनजातीय कार्य विभाग के आयुक्त श्रीमन शुक्ला को दिया गया | शुक्ला ने प्रभार मिलने के आगले ही दिन ईआईए नोटिफिकेशन के पैरा – 8 की कंडिका – 3 का हवाला देते हुए 45 दिन में सिया द्वारा निर्णय नहीं लिए जाने पर 450 मामलों में पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत मोहन के अनुमोदन का हवाला देकर डीम्ड एप्रूवल जारी कर दिए | अब देखना ये होगा की सी एम मोहन यादव इस पूरे विवाद पर क्या कार्यवाही करते है या फिर विपक्ष कों इस मामले मे राजनीति करने का मौका देते है।

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