भोपाल ( कशिश मालवीय ) राजधानी दाता कॉलोनी में रहने वाले गंगाराम अहिरवार और उनकी पत्नी जमुना अहिरवार मेहनत मजदूरी करते हैं, बेटा डाउन सिंड्रोम का शिकार है बच्चे के इलाज के लिए सरकारी मदद की जरूरत है। लेकिन जन्म प्रमाण पत्र न होने से बच्चे आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है इस कारण से उसका इलाज भी नहीं हो पा रहा है | परिजन दफ्तरों और अफसरों के चक्कर काट रहे हैं रवि 11 साल का डाउन सिंड्रोम होने से उसका मानसिक विकास पूरी तरह नहीं हो पाया है परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि बच्चे का प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा सकें | जब वे जेपी अस्पताल लेकर पहुंचे तो वहां आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र की मांग की गई परिवार के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है , इस कारण बच्चे का आधार कार्ड भी नहीं बन पा रहा है | यही वजह है कि, परिवार पिछले एक साल से आधार कार्ड बनवाने और बच्चे का इलाज कराने के लिए दफ्तरों और अस्पतालों के चक्कर काट रहा है , लेकिन बच्चे का इलाज शुरू नहीं हो पा रहा है |
रवि की मां जमुना ने बताया कि वे मूल रूप से सागर के रहने वाली हैं इनकी पांच संतान तीन बेटे और 2 बेटी हैं , इनमें से बड़े बेटे रवि का जन्म घर पर हुआ था , इस कारण जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन पाया करीब चार साल से भोपाल में रह रही हैं यहां के आधार कार्ड सेंटर से लेकर एमपी नगर सेंटर तक गए , वहां भी जन्म प्रमाण पत्र के बिना आधार कार्ड नहीं बनाया जा रहा है | कलेक्टर समेत महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों से भी मिले , लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी | महिला बाल विकास विभाग की ओर से ऐसे बच्चों को इलाज के लिए चार हजार रुपए की हर महीने आर्थिक मदद देने का प्रावधान है | लेकिन आधार के कारण सरकारी मदद रुकी हुई है इसके लिए बच्चे का आधार कार्ड और बैंक खाता होना चाहिए , यह राशि उसी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है |
इलाज के अभाव में रवि की हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है | हालात ऐसे हैं कि माता – पिता मजदूरी करने जाते हैं बच्चे छोटे – छोटे है ऐसे में रवि को घर पर रस्सी से बांध कर जाते हैं |
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