भोपाल ( कशिश मालवीय ) मध्यप्रदेश की स्वस्थ्य वयवस्था में एक बड़ा खेल सामने आया गांधी मेडिकल कॉलेज की डीन ने उस डॉक्टर को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का प्रभारी बनाया | जिसको आयुष्मान भारत निरामयम कार्यालय ने ओम मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल , शिवपुरी से 20 लाख रुपए मांगने का आरोप लगाने के बाद डॉ. अजय जैन , चिकित्सा अधिकारी को 8 अप्रैल 2025 को आयुष्मान भारत निरामयम एमपी में प्रतिनियुक्त किया गया था , यहां उन्हें ग्वालियर संभाग का प्रभारी अधिकारी बनाया गया था | 19 जून 2025 को ओम मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल , शिवपुरी के एमडी तरुण शास्त्री ने शिकायत भेजी , जिसमें आरोप लगाया गया कि अस्पताल को आयुष्मान में इंपैनल करने के बदले डॉ. जैन ने 20 लाख रुपए की मांग की |
डॉ. जैन 8 जून से बिना जानकारी अनुपस्थित हो गए , आयुष्मान सीईओ डॉ. योगेश भरसट ने 11 जुलाई 2025 को लोक स्वास्थ्य आयुक्त को पत्र भेजकर नियमानुसार कारवाई और डॉ. जैन को मूल पदस्थापना स्थल जीएमसी वापस भेजने का अनुरोध किया , लेकिन जीएमसी में क्या हुआ ? आयुष्मान कार्यालय ने शिकायत और अनियमितता का साफ उल्लेख करते हुए हटाने की अनुशंसा की , लेकिन जीएमसी प्रशासन ने उलट फैसला लिया | जीएमसी डीन ने डॉ. अजय जैन को सीएम हैल्पलाइन के नोडल अधिकारी और आयुष्मान योजना के कॉलेज – स्तरीय प्रभारी की ज़िम्मेदारी दे दी | उसी को सबसे महत्वपूर्ण हेल्थ ग्रिवेंस सेल और आयुष्मान मॉनिटरिंग जैसे संवेदनशील दायित्व दे दिए गए | यह प्रशासनिक विरोधाभासका बड़ा उदाहरण है | जिन पर जांच चल है , उन्हें संवेदनशील ज़िम्मेदारी देना सिस्टम के भरोसे को नुकसान पहुंचता है |
भोपाल जीएमसी डीन , डॉ कविता एन सिंह ने कहा – इन्हें आयुष्मान कार्यालय से कार्डिनेशन के लिए यह ज़िम्मेदारी दी है , क्योंकि उन्हें ये काम अच्छे से आता है | यहां कोई प्राइवेट का काम नहीं है , यहां तो सरकारी सिस्टम है और उनका काम सिर्फ कार्डिनेशन का रहेगा | इसलिए उन्हें यह ज़िम्मेदारी दी गई है |
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