इंदौर / मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में अफीम की तस्करी में एक छात्र को फंसाने का पुलिस ने जबरन झूठा केस दर्ज किया , मंगलवार को एसपी विनोद कुमार मीणा ने हाई कोर्ट में पेश हुए , पुलिस द्वारा छात्र पर झूठी कहानी का मामला उजागर किया | उन्होंने बताया कि रास्ते से जा रही बस को रोककर जबरन युवक को उतारा और उसे मंदसौर के मल्हारगढ़ थाने ले जाकर उस पर ढाई किलो अफीम रखने का पुलिसकर्मियों ने फर्जी केस बना दिया | एसपी मीणा ने हाई कोर्ट में झूठा केस बनाने के मामले में गलती स्वीकारी , जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की खंडपीठ के समक्ष उन्होंने स्वीकारा कि थाने के स्टाफ ने और सादी वर्दी वाले कर्मियों ने पूरी कार्रवाई गलत की है |
विशेष बात यह रही कि एसपी ने जांच अधिकारी द्वारा कोर्ट में दिए बयान को भी गलत ठहराया , हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया |
मल्हारगढ़ थाने में दर्ज केस में सोहनलाल की गिरफ्तारी क्षेत्र के बंडा खाल चौराहे के पास श्मशान होना बताया जब की मामला कोर्ट में पहुंचा तो आरोपी को वायडी थाना क्षेत्र में बस से पकड़ने की पुष्टि हुई | इसी तरह आरोपी को पकड़ने के 5 घंटे देरी से केस होने पर कोर्ट ने सवाल उठाए , थाने की लिखापढ़ी की इन दोनों गड़बड़ी को एसपी ने पेशी में स्वीकारा और पुलिस की गलती मानी | जिस मल्हारगढ़ थाने को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा कुछ दिन फले श्रेष्ठ थाने का नाम दिया , वहीं पुलिसकर्मियों की कार्रवाई अवैधानिक निकली |
स्वाला उठता है जिस थाने में इस तरह की कारगुजारिया हो रही हो उस थाने मेँ कौनसी श्रेष्ठता देख कर ग्रह विभाग ने पुरस्कार से नवाजा?
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